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मध्य प्रदेश
CM शिवराज ने सोशल मीडिया पर बदली फोटो, जानें क्यों आ गई चर्चा में....
jantaserishta.com
15 Nov 2021 4:37 AM GMT
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भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर इंटरनेट मीडिया पर अपने सभी अकाउंट की प्रोफाइल फोटो बदल दी है. फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम सहित कू के प्रोफाइल पर अपनी आदिवासी वेशभूषा में फोटो लगा दी है. साथ ही प्रोफाइल कवर पर जनजातीय गौरव दिवस का बैनर लगा हुआ है.
इससे पहले तक मुख्यमंत्री के इंटरनेट मीडिया अकाउंट पर शिवराज सिंह चौहान की मास्क लगी हुई फोटो होती थी और प्रोफाइल कवर में आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का बैनर दिखाई पड़ता था. मुख्यमंत्री ने इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म पर यह परिवर्तन करीब डेढ़ साल बाद किया है.
सीएम शिवराज की यह फोटो रविवार सुबह राजधानी के जनजातीय संग्रहालय में आयोजित कार्यक्रम की है, जहां वह उन आदिवासी लोक कलाकारों से रूबरू हुए थे, जो प्रदेशभर से 15 नवंबर को मुख्य समारोह में अपनी प्रस्तुति देने के लिए आए हुए हैं. मुख्यमंत्री ने लोक कलाकारों के अलग-अलग समूहों के साथ नृत्य भी किया.
बता दें, आज आदिवासियों के महानायक बिरसा मुंडा की जयंती है. केंद्र ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाये जाने का फैसला किया है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी सुबह पौने दस बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये रांची में बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन करेंगे.
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा भी मौजूद रहेंगे. पीएम मोदी भोपाल के जम्बूरी मैदान में जनजातीय गौरव दिवस महा-सम्मेलन में भाग लेने के लिए मध्य प्रदेश की यात्रा पर भी जाएंगे.
अपने इस कार्यक्रम को लेकर पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर मनाए जाने वाले जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर कल देश एक ऐतिहासिक पल का गवाह बनेगा. मैं सुबह 9:45 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन करूंगा.'
कौन थे बिरसा मुंडा
15 नवंबर को महान आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती है. आदिवासियों के महानायक बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर को 1875 को झारखंड के खूंटी जिले में आदिवासी परिवार में हुआ था. आदिवासियों के हितों के लिए अंग्रेजों से लोहा लेने वाले बिरसा मुंडा ने आदिवासियों में नई चेतना जगाने का भी काम किया था. उनके योगदान के चलते ही देश की संसद के संग्रहालय में भी उनकी तस्वीर है. जनजातीय समुदाय में यह सम्मान अभी तक बिरसा मुंडा को ही हासिल हुआ है.
बिरसा मुंडा ने साल 1895 में अपना नया धर्म शुरू किया, जिसे बिरसाइत कहा जाता है. इतना ही नहीं इस नए धर्म के प्रचार के लिए बिरसा मुंडा ने 12 शिष्यों को भी नियुक्त किया. आज भी लोग बिरसाइत धर्म को मानते हैं लेकिन इनकी संख्या हजारों में ही है.
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