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सिटीजन चार्टर की उड़ती धज्जियां, आरटीओ में काम की गारंटी नहीं
इंदौर न्यूज़: सरकारी कार्यालयों में लोकसेवा गारंटी के तहत हर काम की समय सीमा तय है, लेकिन आरटीओ में इसकी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. आवेदकों का जो काम 7 दिन में होना चाहिए, उसके लिए 2 से 3 महीने लग रहे हैं. 30 हजार आवेदक लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन और वाहन ट्रांसफर के लिए परेशान हो रहे हैं.
नायता मुंडला स्थित कार्यालय में जगह-जगह सिटीजन चार्टर के बोर्ड लगे हैं. इनमें रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस, ट्रांसफर, नवीनीकरण, डुप्लीकेट, फिटनेस, परमिट आदि कार्यों की समय सीमा लिखी गई है, लेकिन यह केवल दिखावा साबित हो रही है. अफसर काम की गति नहीं बढ़ा पा रहे हैं, जबकि कार्यालय की हर शाखा में नियम विरूद्ध एवजी तैनात हैं.
कार्यालय में डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर और आरटीओ के अलावा तीन एआरटीओ समेत बाबुओं और एवजियों की बड़ी टीम है, लेकिन अधिकारी-कर्मचारी न तो समय से कार्यालय आते हैं और न पूरे समय मौजूद रहते हैं. अधिकारियों और बाबुओं द्वारा किए जाने वाले अप्रूवल में भी समय लगाया जा रहा है. दूसरी ओर, एजेंट लेन-देन कर काम जल्द करवा रहे हैं. इंदौर आरटीओ प्रदेश में सीएम हेल्पलाइन की शिकायत निराकरण में अव्वल है. इसे बरकरार रखने के लिए सीएम हेल्पलाइन पर आई शिकायतों का काम जल्द कर दिया जाता है.
वर्तमान में कार्ड की दिक्कत चल रही है. धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. ऑनलाइन अपडेट करने के बाद आवेदकों को सूचना दे रहे हैं, जो भी कमियां सामने आएंगी, उनमें सुधार करेंगे.- राजेश राठौड़, डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर
लंबे समय से कार्यालय में कार्ड की किल्लत है. मांग के मुताबिक कार्ड की सप्लाई नहीं हो रही है, जबकि सबसे ज्यादा आवेदन परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस, डुप्लीकेट, रिन्यूअल, रजिस्ट्रेशन और वाहन ट्रांसफर के लिए आते हैं. कई महीनों से ये व्यवस्था बेपटरी है. ड्राइविंग लाइसेंस के 15 हजार, रिन्यूअल-डुप्लीकेट के 5 हजार और टू-फोर व्हीलर के रजिस्ट्रेशन के 5 हजार कार्ड बनने हैं. अन्य वाहनों के 5 हजार कार्ड भी नहीं बन सके हैं. ये पेंडेंसी 3 माह पुरानी है, जबकि रजिस्ट्रेशन की प्र₹िया 30 दिन, ड्राइविंग लाइसेंस 15 दिन और ट्रांसफर 30 दिन में करना है. फिटनेस, परमिट आदि में भी समय लग रहा है.