मध्य प्रदेश

बच्चों की पढ़ाई मुश्किल, आगे की खेती भी कठिन गेहूं की बालियां बिछ गईं

Admin Delhi 1
1 April 2023 3:15 PM GMT
बच्चों की पढ़ाई मुश्किल, आगे की खेती भी कठिन गेहूं की बालियां बिछ गईं
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भोपाल न्यूज़: बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने पहले से कर्ज में डूबे किसानों का दर्द रबी में हुई बेमौसम बारिश से बढ़ा दी. अच्छी फसलों को देख किसानों ने बच्चों की बेहतर पढ़ाई के बारे में सोचा था. कई के लिए आगे की खेती करना भी कठिन हो रहा है.

फसलों के लिए गोदाम बनाना था

देवा जिले के ही किसान हुकुम पटेल बताते हैं कि उन्होंने 7 हजार 880 रुपए प्रति क्विंटल वाला बिडर गेहूं बोया था, जिससे अच्छा बीज मिलता बोया था. पानी गिरने से गेहूं सफेद पड़ गया है तो उसकी अंकुरण क्षमता भी खत्म हो गई. ऐसे में बीच प्रमाणीकरण के लिए कंपनी में नहीं भेजा सकता है. अब मंडी में सामान्य फसल के रूप से बेचना पड़ेगा. इसका भी रेट आज की तारीख में करीब 1700 रुपए प्रति क्विंटल रह गया है. सोचा था कि 16 हेक्टेयर में 700 क्विंटल गेहूं का बीज पैदा होगा, उस हिसाब से कंपनी में बीज के लिए जाता तो 2300 का रेट मिलता. यानी प्रति क्विंटल 500 का नुकसान हुआ है. इस बार फसल अच्छी होने पर गोदाम बनाने का विचार था, ताकि फसल रखकर खराब होने से बचा पाएं.

बागली तहसील (देवास) के तहत गुराड़िया कलां के किसान कमल पाटीदार ने बताया, ऊषा बकुला एचआइ 1636 किस्म का गेहूं लगाया था. बारिश-ओलों से दाना खराब हो गया. चमक और घनत्व भी कम हो गया. गेहूं का बीज 3500 रुपए प्रति क्विंटल बेचते. अब 2000 रुपए प्रति क्विंटल बेचना होगा. बारिश से प्याज की फसल पर भी असर पड़ा है. ठंडे पानी के कारण प्याज शीत गर्मी हो गई है. प्याज पकने लगा है. गेहूं में 15 हजार रुपए का तो प्याज में भी अब वह रेट नहीं मिलेगा, क्योंकि गेहूं के बीज की अच्छी किस्में कम मिलती हैं इसलिए सोचा था कि बीज बढ़ाएंगे. बच्चे हाटपीपल्या में पढ़ रहे हैं, लेकिन अच्छे संस्थान में पढ़ाने हर साल फसल बेचकर बचत कर रहे थे, इस बार बचत नहीं होगी.

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