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मध्य प्रदेश
नई शराब नीति को चुनौती: कम्पोजिट दुकानों में शराब बिक्री को असंवैधानिक बताते हुए याचिका दायर
Deepa Sahu
5 Feb 2022 5:10 PM GMT
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हाईकोर्ट में मध्य प्रदेश सरकार की नई शराब नीति को चुनौती दी गई है।
हाईकोर्ट में मध्य प्रदेश सरकार की नई शराब नीति को चुनौती दी गई है। याचिका दायर कर मामले में कहा गया है कि सुपर मार्केट तथा कम्पोजिट दुकानों में शराब बिक्री असंवैधानिक है। जिसमें जल्द ही सुनवाई होने की संभावना है। हाईकोर्ट में यह याचिका नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे व रजत भार्गव की ओर से दायर की गई है। जिसमें कहा गया है कि प्रदेश में वर्ष 2022-23 के लिए लागू की गई नई आबकारी नीति की व्यवस्थाएं, भारतीय संविधान, एक्साइज एक्ट तथा खाद्य सुरक्षा कानून के खिलाफ है। यह व्यवस्थाएं भेदभाव व मनमानी पूर्ण हैं। जिन्हें वापस लिए जाने के निर्देश दिए जाने की राहत याचिका में चाही गई है।
आवेदकों का कहना है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 47 में सरकार को निर्देश है कि मादक पदार्थ जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, उनके सेवन को बंद करने का प्रयत्न करें। लेकिन इसके विपरीत प्रदेश सरकार ने नई शराब व्यवस्था में कंपोजिट दुकानों में देशी एवं विदेशी शराब की बिक्री तथा सुपर मार्केट में भी शराब की बिक्री कर शराब की आसानी से उपलब्धता निम्रित के साथ ही उसकी कीमत भी कम कर दी। आवेदकों का कहना है कि एक्साइज एक्ट के अनुसार जिला योजना समिति ही शराब दुकानों के स्थान परिवर्तित कर सकती है, लेकिन सरकार ने यह व्यवस्थाएं विधायकों के हाथ में सौंप दी है, जो कि एक्साईज एक्ट का उल्लंघन है।
इतना ही नहीं नई व्यवस्था में ग्रामीण क्षेत्र को आयातित शराब बिक्री से वंचित कर ग्रामीण उपभोक्ताओं के साथ भी भेदभाव किया गया है। याचिका में कहा गया है कि कानून के तहत शराब की बोतलों पर शराब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है अंकित करने का प्रावधान है, लेकिन उसके उल्टे सस्ती एवं जहां-तहां शराब उपलब्ध कराना असंवैधानिक है। मामले में मप्र शासन के कमर्शियल टैक्स विभाग के प्रमुख सचिव को पक्षकार बनाया गया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय मामले में पैरवी करेंगे।
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