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कैथलैब की शिफ्टिंग का प्लान एक महीने में चौथी बार बदल गया
भोपाल: हमीदिया अस्पताल में चलने वाली कैथलैब की शिफ्टिंग का प्लान एक महीने में चौथी बार बदल गया है। अब यह कमला नेहरू अस्पताल के बेसमेंट में शिफ्ट होगी। पहले 728 करोड़ रुपए से बनी हमीदिया की नई बिल्डिंग के ए ब्लॉक के थर्ड फ्लोर में यह शिफ्ट होनी थी, लेकिन पीडब्ल्यूडी की यूनिट पीआईयू ने आपत्ति जताई कि बिल्डिंग कैथलैब का भार नहीं सह सकती है। इसके चलते यहां शिफ्ट नहीं किया जा सकता है।
इसके बाद इसे नई बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर शिफ्ट करने की बात हुई। अब नया निर्णय यह लिया गया है कि इसे 30 साल पुरानी कमला नेहरू अस्पताल की बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाएगा। बड़ा सवाल यह है कि कार्डियक डिर्पाटमेंट हमीदिया की नई बिल्डिंग के ए ब्लॉक में है। वहां से कमला नेहरू अस्पताल के बेसमेंट में आने में करीब आधा किमी का सफर तय करना पड़ेगा। अगर मरीज चलने लायक है तो धीरे-धीरे चलने में उसे यहां तक आने में 15 मिनट लगेंगे। वहीं उसे 700 से ज्यादा कदम चलना पड़ेंगे।
3 महीने लैब बंद रहने की आशंका: अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक कैथ लैब शिफ्टिंग के लिए 3 माह का समय लग सकता है। इस दौरान कैथ लैब बंद रहेगी। कैथ लैब में लगी मशीनों को खोला जाएगा। इसके बाद सामान को नए भवन में पहुंचाया जाएगा। अस तरह इंस्टॉलेशन में करीब 3 माह का समय लगेगा।
एंजियोग्राफी से आईसीडी तक की सुविधा: बता दें कि कैथलैब हृदयरोग विभाग के अंतर्गत आने वाली एक लैब होती है। इसमें हृदय रोगियों की सर्जरी की जाती है। इसमें मुख्य रूप से एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, एब्लेशन, एंजियोग्राफी और पेसमेकर व आइसीडी जैसी सुविधा इसमें शामिल हैं। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक पर काम करती है।