मध्य प्रदेश

हेल्थ टेक डिवाइस से साइबर हैकिंग और गैजेट्स एडिक्शन के मामले बढ़े

Admin Delhi 1
21 Jun 2023 11:00 AM GMT
हेल्थ टेक डिवाइस से साइबर हैकिंग और गैजेट्स एडिक्शन के मामले बढ़े
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भोपाल न्यूज़: प्राइमरी हेल्थकेयर से लेकर कॉम्प्लेक्स मेडिकल ट्रीटमेंट में अब टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ गया है. कई अस्पतालों में पेशेंट्स का डॉक्टर वर्चुअली भी फॉलोअप ले रहे हैं.

दूसरी ओर हेल्थकेयर इंडस्ट्री में टेक्नोलॉजी मेडिकल गैजेट्स के रूप में भी उभर कर आ रही है. लोग ब्लड प्रेशर, शुगर, हार्ट रेट जैसे चैकअप के लिए अस्पताल जाने की जगह घर में ही इनकी मशीनें रख रहे हैं.

टेलीहेल्थ में पेशेंट्स का निजी डेटा मार्केट में बेचे जाने के मामले भी सामने आए हैं. गेजेट्स से साइबर हैकिंग का शिकार हो रहे हैं. स्मार्ट वॉच एडिक्शन भी एक नया ट्रेंड बन गया है. इन गैजेट्स से लोग एडिक्ट हो गए हैं. बढ़ते रुझान को देख कई निवेशकों ने मुनाफे का सौदा देखते हुए, मार्केट में प्रवेश किया. इसी के चलते कम गुणवत्ता वाली भी मशीनें खुले आम बिक रही हैं. इन पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने मेडिकल डिवाइस की जांच कराने के लिए देश में कई लैब को अधिकृत किया है. मगर प्रदेश में एक भी लैब अधिकृत नहीं है. साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चिकित्सा उपकरणों के व्यापारियों व रीसेलरों को राज्य लाइसेंसिंग अथॉरिटी में रजिस्ट्रेशन कराने के आदेश भी दिए हैं.

डॉक्टर्स का कहना है कि मेडिकल डिवाइसेस से लोग खुद ही डॉक्टर बन रहे हैं. हमारे पास ऐसे कई पेशेंट्स आते हैं जो अपनी बीमारी के साथ इलाज भी बताने लगते हैं. जबकि कई मामलों में उन्हें बीमारी भी नहीं पाई जाती. दरअसल वे डॉक्टर से बगैर सलाह के इंटरनेट से पढ़कर आ जाते हैं. साथ ही सोशल मीडिया पर इंफ्लूएंसर मार्केटिंग भी इसकी पीछे एक बड़ी वजह है. लोग यहां से इंफ्लूएंस होकर डिवाइसेस खरीदने लगते हैं.

इन उपकरणों की बढ़ी मांग

वीयरेबल ईसीजी मॉनिटर, ब्लड प्रेशर मशीन, बायोसेंसर्स, ग्लूकोज मॉनिटर, डिजिटल स्टेथेस्कोप, पल्स मीटर, फीडिंग उपकरण , टेलीहेल्थ, रेस्पीरेट्री डिवाइसेस जैसे उपकरणों की खरीदी पिछले दो-तीन साल से लगातार बढ़ रही है. कोरोना के बाद से ही इनके मार्केट में 30 फीसदी तक की उछाल आई है.

हर टेस्ट की एक प्रक्रिया होती है, साथ ही मशीन के मानक भी हैं. इसलिए किसी भी मशीन का इस्तेमाल कैसे करें और कौन सी मशीन लेनी चाहिए, ये सब बातें आपको डॉक्टर से जरूर पूछना चाहिए.

डॉ. योगेंद्र श्रीवास्तव, मेडिकल स्पेशलिस्ट, जेपी अस्पताल

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