मध्य प्रदेश

पांच साल में 11 हजार हेक्टेयर जंगल पर कब्जा

Admin Delhi 1
22 April 2023 10:51 AM GMT
पांच साल में 11 हजार हेक्टेयर जंगल पर कब्जा
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भोपाल न्यूज़: प्रदेश में वन माफिया के हौसले इतने बुलंद है कि वे जंगल से लेकर टाइगर रिजर्व तक में अवैध कटाई कर रहे हैं. बेखौफ परिवहन भी कर रहे हैं. वन अमला उनके सामने बेबस दिख रहा है. माफिया ने पिछले पांच साल में करीब 11 हजार हेक्टेयर जंगलों पर कब्जा कर नष्ट कर दिया. वन विभाग की बेबसी में हर साल अतिक्रमण का यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. बुरहानपुर में हो रही कटाई तो इसका नजीरभर है. ऐसा कोई जिला नहीं, जहां जंगलों में कब्जे और कटाई नहीं हो रहे हों.

वन विभाग जंगलों की सुरक्षा और उन्हें बढ़ाने में करीब 2400 करोड़ खर्च करता है. फिर भी हर साल 40 हजार से ज्यादा अवैध कटाई के मामले आ रहे हैं. खरगोन-खंडवा के बाद अब नेपानगर में सागौन के जंगल की कटाई हो रही है. हजारों एकड़ जंगल साफ कर दिए गए. हालांकि, अधिकारियों ने खुद को बचाने के लिए कागजों में कभी इसे सीधे तौर पर नहीं माना. 2013 में यहां 2500 हेक्टेयर जंगल पर कब्जा था. 2021 में जबलपुर रेंज में 4879 केस सामने आए तो सागर में 3066, बैतूल में 3339 और भोपाल में 3658 अवैध कटाई केस दर्ज किए. जंगल सिर्फ लकड़ी के लिए नहीं काटे गए, यहां खेती भी की जा रही है.

प्रदेश के 6 टाइगर रिजर्व में 600 से ज्यादा बाघ हैं. माफिया यहां भी जंगल नष्ट कर रहे हैं. 190 हेक्टेयर में कब्जा है. ज्यादा बुरी स्थिति पन्ना टाइगर रिजर्व की है. पिछले साल कान्हा में अवैध कटाई के 693, पन्ना में 104, पेंच में 113, सतपुड़ा में 16, बांधवगढ़ में 143, माधव में 12 और संजय में 98 केस दर्ज हुए. कूनो में भी 53 केस दर्ज हुए. यहां भी अतिक्रमण जारी है. यहां 4 साल में 70 हेक्टेयर से ज्यादा जंगल पर कब्जे हो चुके हैं.

कांग्रेस के विधायक दल का विरोध: जंगल का जायजा लेने कांग्रेस का विधायक दल नेपानगर पहुंचा. रेस्ट हाउस में ग्रामीणों से चर्चा की, इसी बीच ग्रामीणों ने जंगल कटाई का विरोध कर दिया. जाग्रत आदिवासी दलित संगठन भी नारेबाजी की. माहौल गर्म हुआ तो विधायक दल जंगल नहीं गए. एसपी से मिलने पहुंचे और रिपोर्ट लेकर दल लौट गया. दल में दो विधायक झूमा सोलंकी और प्रताप ग्रेवाल ही थे. कांतिलाल भूरिया, सचिन यादव, अर्चना जायसवाल किसी कारण नहीं आ सके. प्रताप ग्रेवाल ने कहा बिना राजनीतिक संरक्षण के कटाई संभव नहीं है. माफिया पर सख्ती से कार्रवाई होनी चाहिए. बता दें, मामले की जांच के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने दल भेजा था. दल अब उन्हें रिपोर्ट सौंपेगा.

बुरहानपुर-खंडवा में 10 साल से माफिया की नजर: बुरहानपुर से खंडवा तक के जंगलों पर वन माफिया की नजर पिछले 10 सालों से है. अफसरों ने कभी सख्ती नहीं की. नतीजा, हौसले बुलंद होते गए और अब वे वन अमले को ही निशाना बनाने लगे.

अवैध कटाई-अतिक्रमण का मामला आने पर लगातार कार्रवाई की जाती है. सख्ती के चलते कटाई और अतिक्रमण के मामलों में कमी आई है.

- रमेश कुमार गुप्ता, वन बल प्रमुख

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