मध्य प्रदेश

तीन माह की टैक्समाफी के चलते अभी भी दुविधा में है बस मलिक

Vikrant Gupta
5 Jan 2022 8:21 AM GMT
तीन माह की टैक्समाफी के चलते अभी भी दुविधा में है बस मलिक
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होशंगाबाद. शासन व्दारा बीते कोरोनाकाल के दौरान लॉकडाउन कफ्र्यू के कारण बंद रही बसों के संचालन की तीन माह के अवधि का टैक्स माफ करने की घोषणा की गई थी, लेकिन साल बीतने व नया साल आने के बाद भी गाड़ी मालिकों को कोई राहत नहीं मिली है। बस ऑनर्स एसोसिएशन ने फिर से सीएम को ज्ञापन भेजकर परिवहन विभाग के जरिए टैक्समाफी कराने की मांग दोहराई है। पदाधिकारियों का कहना है कि बसों के ट्रांसफर, फिटनेस, छूट अवधि के टैक्स पर पैनाल्टी आदि की समस्याएं आ रही है। प्राइम रूट बस ऑनर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद शर्मा, महासचिव सुशील अरोरा सहित मप्र ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन इंटक के महासचिव प्रवेश मिश्रा ने बताया कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण संभाग व प्रदेश में बसों का संचालन बंद रहा, जिसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने एसोसिएशन की मांग पर अप्रेल, मई व जून 2021 का टैक्स शून्य किया था, परंतु परिवहन विभाग द्बारा समायोजन के आदेश जारी नहीं करने पर आदेश का पालन नहीं हो रहा है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान लाकडाउन होने के पश्चात मोटर मालिको की बंद बसों पर जो टैक्स बकाया बताया जा रहा था, उसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा तीन माह के टैक्स छूट की घोषणा की गई थी, जिसके तहत परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा टैक्स को शून्य कर दिया गया, परंतु जिन मोटर मालिकों ने एडवांस टैक्स जमा कर दिया था उनके द्वारा भरे गए टैक्स को छह माह होने के पश्चात भी समायोजन के आदेश नहीं निकाले जाने से प्रदेश के मोटर मालिक परेशानी झेल रहे हैं। बसों का ट्रांसफर, फिटनेस, छूट अवधि के टैक्स पर पेनाल्टी लगने से चिंतित है। एसोसिएशन के पदाधिकारी द्वारा लगातार अधिकारियों से इस विषय पर चर्चा होने के पश्चात भी अभी तक कोई हल नहीं निकला है।

किसान संघ ने की आयुक्त से मुलाकात

वाटलू धान की खरीदी जल्द शुरू करने के दिए निर्देश

होशंगाबाद. भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधि मंडल ने आयुक्त माल सिंह से मुलाकात की। इसके उपरांत जिले में वाटलू धान की खरीदी के निर्देश जारी किए गए हैं। संघ के प्रचार प्रमुख शिवमोहन सिंह ने बताया कि कृषि उपज मंडी समिति सेमरी हरचंद में कृषि उप संचालक, डीएमओ और पंजीयक सहकारी समितियां की टीम ने पहुंकर जायजा लिया। खरीदी करने वाली समितियों को निर्देशित किया कि तत्काल वाटलू धान की खरीदी प्रारंभ करने को कहा। निर्देशित किया गया कि किसानों को समझाइश दें कि वह बीज के लिए धान ना बचाएं और पूरी धान समर्थन मूल्य पर बेचें। सूत्रों की मानें तो अगले वर्ष इस धान को बिल्कुल भी समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदा जाएगा इसलिए किसानों से इसके उत्पादन न करने की सलाह भी दी गई है। भारतीय किसान संघ का यह भी कहना है कि मिलिंग व्यापारियों के विरोध के कारण शासन इस धान को खरीदने में पीछे हट रहा है। कारण यह है कि इसकी सतह लाल होती है जो मिलिंग के दौरान हटाई जाती है, जिसके कारण चावल का वजन कम होता है। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि कम लागत की इस धान को येन केन प्रकारेण प्रोत्साहन देना चाहिए, क्योंकि शासन खेती को लाभ का धंधा बनाना चाहता है और किसानों का हित चाहता है। विषय विशेषज्ञ ही इसका हल निकाल सकते हैं।

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