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आउटसोर्स व रिटायर्ड के भरोसे कलेक्टोरेट की शाखाएं
इंदौर न्यूज़: कीट आपदा, चुनाव मद की राशि के करीब 5.68 करोड़ के गबन मामले का खुलासा होते ही कलेक्टोरेट परिसर में मिलाप गैंग की - की पार्टियों की चर्चा है इसी बीच मिलाप गैंग के सदस्य को शाखा का प्रभारी बनाने की तैयारी अफसरों ने कर ली है कोषालय कर्मचारियों की भूमिका और मिलाप से मिलन को नजरअंदाज किया जा रहा है दूसरी ओर कलेक्टोरेट की कुछ शाखाएं आउटसोर्स, प्रतिनियुक्ति व रिटायर्ड कर्मचारियों के भरोसे चल रही हैं चौंकाने वाली बात यह है, गबन को अंजाम अनुकंपा और दूसरे विभाग से आए कर्मचारियों ने दिया
बड़ा घोटाला सामने आने के बाद कलेक्टोरेट में बाबू-कर्मचारियों की कमी और सरकार की आउटसोर्स से कार्य करवाने की प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं कलेक्टोरेट जैसे कार्यालय में समाधान, मिशल बंदोबस्त शाखा में नियमित नियुक्तियां नहीं हैं समाधान में तो एक संविदा बाबू के भरोसे सारा कार्य चल रहा है घोटाले के बाद लेखा शाखा खाली हो गई यहां के तीनों कर्मचारी मिलाप चौहान, रणजीत करोड और अमित निंबालकर ने करोड़ों अपने खाते में जमा कर लिए यहां का प्रभार जिसे दिया जा रहा है, वह भी मिलाप गैंग का सदस्य है मामले में कोषालय के दो कर्मचारियों से पूछताछ तक नहीं होने की चर्चा है