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मध्य प्रदेश जिला पंचायत चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी पर खुली बेईमानी और सत्ता के दुरुपयोग से पंचायत अध्यक्ष चुनाव जीतने का आरोप लगाया। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों को पुलिस द्वारा बंधक बनाए जाना, सदस्यों को वोट रद्द करना, गैरकानूनी तरीके से टेंडर वोटिंग करना और झूठी पर्ची निकालने सहित हर हथकंडा अपना कर बीजेपी ने चुनाव जीता।
मध्य प्रदेश जिला पंचायत चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी पर बेईमानी और सत्ता के दुरुपयोग से पंचायत अध्यक्ष चुनाव जीतने का आरोप लगाया है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों को पुलिस द्वारा बंधक बनाए जाना, सदस्यों का वोट रद्द करना, गैरकानूनी तरीके से टेंडर वोटिंग करना और झूठी पर्ची निकालने सहित हर हथकंडा अपनाकर बीजेपी ने चुनाव जीता है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में सत्ताधारी दल द्वारा पुलिस प्रशासन, पैसा और बेईमानी का जिस कदर इस्तेमाल किया गया, वह मध्यप्रदेश के लोकतांत्रिक इतिहास के लिए कलंक है। सत्ता के दुरुपयोग के बावजूद बड़ी संख्या में कांग्रेस अपने जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाने में सफल रही। इससे बड़ी संख्या उन जिलों की है जहां सीधे तौर पर कांग्रेस के जिला पंचायत अध्यक्ष बनने थे, लेकिन शिवराज सरकार ने बेईमानी से उन्हें हरा दिया।
चुनावी बेईमानी का साक्ष्य
कमलनाथ ने कहा कि भोपाल प्रदेश की राजधानी है। यहां के 10 जिला पंचायत सदस्यों में से 8 सदस्य स्पष्ट तौर पर कांग्रेस पार्टी के समर्थन से जीते थे। जब चुनाव हुआ तो भाजपा के मंत्री खुद चुनाव स्थल पर पहुंचे और बेईमानी को बढ़ावा दिया। कांग्रेस पार्टी की ओर से दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी सहित अन्य नेता भी चुनाव स्थल पर पहुंचे लेकिन उन्हें बाहर रोक दिया गया। उसके बाद गैरकानूनी तरीके से टेंडर वोटिंग करा कर जबरन भाजपा के प्रत्याशी को विजेता घोषित कर दिया गया। कांग्रेस पार्टी ने इसकी शिकायत राज्य निर्वाचन आयोग से की है। प्रदेश की राजधानी में ही अगर पुलिस और प्रशासन सीधे मंत्रियों के संरक्षण में गैरकानूनी तरीके से चुनाव की लूट करेगी तो इससे बड़ी चुनावी बेईमानी का और क्या साक्ष्य हो सकता है।
रतलाम में तीन वोट रद्द किए गए
कमलनाथ ने कहा कि रतलाम में कांग्रेस पार्टी के पास बहुमत था। जिला प्रशासन ने तीन वोट रद्द किए और अवैधानिक तरीके से भाजपा प्रत्याशी को विजेता घोषित कर दिया। उमरिया में कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों को एक समान वोट मिले थे। पीठासीन अधिकारी ने पर्ची निकालकर विजेता का फैसला किया। कांग्रेस प्रत्याशी ने जो शिकायत कराई है, उसके मुताबिक पीठासीन अधिकारी ने पहली पर्ची उठाकर देखी, तो पर्ची कांग्रेस उम्मीदवार की निकली थी। उसे फाड़कर फेंक दिया गया। उसके बाद भाजपा प्रत्याशी को विजयी घोषित कर दिया गया। आगर मालवा में कांग्रेस और भाजपा के पांच-पांच सदस्य थे, लेकिन जब पर्ची निकालने की बारी आई तो कलेक्टर ने दोनों पर्ची भाजपा की बना दी। एक पर्ची निकाल कर भाजपा के प्रत्याशी को विजयी घोषित कर दिया।
श्योपुर में सदस्यों को ही उठवा लिया
कमलनाथ ने कहा कि श्योपुर जिला पंचायत में कांग्रेस पार्टी के छह सदस्य जीते थे, जबकि पांच सदस्य भारतीय जनता पार्टी के थे। उन्होंने कहा कि मुझे प्राप्त शिकायत के मुताबिक कांग्रेस के अनुसूचित जाति के दो सदस्यों को पुलिस ने उठा लिया और यह दोनों सदस्य अभी तक गायब है। जब इन सदस्यों के न मिलने की सूचना थाने में लेकर प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत और विधायक बाबू जंडेल पहुंचे तो इन लोगों को भी थाने में बैठा लिया गया। पहले सदस्य को मुरैना से पुलिस ने उठाया था, जिसका विरोध प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष अशोक सिंह के नेतृत्व में कांग्रेसजनों ने किया। इस पूरे घटनाक्रम के बीच जिला पंचायत का चुनाव हो गया। कांग्रेस के दो सदस्यों के गायब होने के कारण भाजपा को विजेता घोषित कर दिया गया।
सीहोर के सदस्यों को खजूरी थाने में बिठाया
कमलनाथ ने कहा कि इसी प्रकार सीहोर से निर्वाचित कांग्रेस के जिला पंचायत सदस्यों को भोपाल के खजूरी थाना पुलिस ने जबरदस्ती उठा लिया। और फिर उन्हें एक अपराधी की तरह सीहोर पुलिस को सौंप दिया गया। सीहोर में कांग्रेस की जिला पंचायत बनना तय थी लेकिन पुलिस के खुले दुरुपयोग से सीहोर में भी भाजपा की जीत हो गई। कमलनाथ ने कहा कि सिवनी में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित वार्ड क्रमांक एक से कांग्रेस के लल्लू सिंह बघेल ने अध्यक्ष के लिए पर्चा भरा था, जिसे कलेक्टर सिवनी ने बिना कारण बताये निरस्त कर दिया। इसके बाद भाजपा उम्मीदवार को निविर्रोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया। इसके बाद जिला पंचायत में लल्लूसिंह बघेल उपाध्यक्ष निर्वाचित हुये। कमलनाथ ने कहा इस तरह के पुलिस और प्रशासन के दुरुपयोग के बावजूद छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम, डिंडोरी, देवास, झाबुआ, सिंगरौली राजगढ़ अनूपपुर दमोह सहित कई जिलों में कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बने।