मध्य प्रदेश

भाजपा ने 19 नगरीय निकायों के चुनाव में 13 पर बाजी मारी

Admin Delhi 1
24 Jan 2023 6:40 AM GMT
भाजपा ने 19 नगरीय निकायों के चुनाव में 13 पर बाजी मारी
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भोपाल न्यूज: राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 19 नगरीय निकायों में मतगणना पूर्ण कर ली गई है। पार्षदों के परिणाम भी जारी कर दिये गये हैं। इनमें से 183 वाडरें में भारतीय जनता पार्टी और 143 वाडरें में इंडियन नेशनल कांग्रेस के पार्षद विजयी घोषित हुए हैं। राज्य के जिन 19 नगरीय निकायों में चुनाव हुआ था, उनमें से 12 स्थानों पर भाजपा के बहुमत मिला है, जबकि सात स्थानों पर कांग्रेस ने बढ़त बनाई है। कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के क्षेत्र राघौगढ़ में बढ़त बनाए रखने में कामयाबी हासिल की है। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह ने जानकारी दी है कि 19 नगरीय निकायों में कुल वाडरें की संख्या 343 थी। इनमें से 183 वाडरें में भारतीय जनता पार्टी और 143 वाडरें में इंडियन नेशनल कांग्रेस के पार्षद विजयी घोषित हुए हैं। इन नगरीय निकायों में मतदान 20 जनवरी को हुआ था।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि चाहे बड़वानी हो, धार हो, ओमकारेश्वर, जैतहरी हो या अनूपपुर, सभी जगहों पर भारतीय जनता पार्टी को ऐतिहासिक बहुमत मिला है। राघौगढ़ में पार्टी कार्यकतार्ओं ने कांग्रेस को नाकों चने चबवा दिए हैं और यह सब दिग्विजय सिंह और उनके बेटे की नाक के नीचे हुआ है। वहां कांग्रेस के जो पार्षद जीते हैं, उनमें से भी कोई तीन वोट से जीता है, तो कोई पांच या सात से। इस उपलब्धि के लिए पार्टी के कार्यकर्ताओंको बधाई देता हूं और वहां से जो संकेत आए हैं, वो बहुत उत्साहवर्धक हैं। आने वाले चुनाव में राघौगढ़ में भी भाजपा का परचम फहराएगा।

वहीं प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने 19 निकायों में हुये मतदान के आज आये परिणामों में 11 में भाजपा और आठ में कांग्रेस की विजय मिलने पर कहा कि कलेक्टर से लेकर कोटवार तक को भाजपा कार्यकर्ता बना देने के बावजूद भाजपा को इन निकायों के चुनाव में आशातीत सफलता हासिल नहीं हुई, यही नहीं धार जिले की नगरीय निकाय चुनाव प्रचार में जहां प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने सघन चुनाव प्रचार किया, वहीं प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव भी मतदाताओं को नोट बांटने की जद में आये, वहां भाजपा को केवल तीन पार्षदों से ही संतोष करना पड़ा। यही अनुपात विजयी पार्षदों को लेकर भी रही।

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