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भोपाल न्यूज़: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा मध्यप्रदेश और राजस्थान में मिशन मोड में अपनी चुनावी तैयारियों को धरातल पर लाने के लिए उतरेगी. पार्टी ने डेटा से लेकर चुनाव प्रबंधन में परदे के पीछे के रणनीतिकारों की टीम बनानी शुरू कर दी है. दोनों राज्यों में कमजोर विधानसभा सीटों का प्रभारी केंद्रीय मंत्रियों को बनाया जाएगा, ताकि साल के आखिर में होने जा रहे इन राज्यों के चुनाव में पार्टी उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन करने में सफल हो सके. माना जा रहा है कि इसी माह पार्टी चुनावी मिशन में जुटेगी.
2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों राज्यों में भाजपा पर कांग्रेस भारी पड़ी थी. राजस्थान की तुलना में मध्यप्रदेश में कहीं ज्यादा नजदीकी मुकाबला देखने को मिला था. हालांकि, मध्यप्रदेश में कांग्रेस के बागी विधायकों के दम पर बाद में भाजपा सरकार बनाने में सफल हुई थी, पर राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत कांग्रेस की सरकार बचाने में सफल रहे. जिस तरह से पिछले चुनाव में दोनों राज्यों में चुनौतियां सामने आई थीं, उससे पार्टी इस बार सजग है. इस बार के विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए पार्टी ने फुलप्रूफ तैयारी शुरू कर दी है.
सर्वे भी शुरू: मध्यप्रदेश और राजस्थान में भाजपा सर्वे के जरिए मुद्दों को टटोलने में जुटी है. इन राज्यों के हर हिस्से में कौन-कौन से मुद्दे जनता को प्रभावित कर रहे हैं. कमजोर और मजबूत सीटों पर भी सर्वे कराने में जुटी है. सर्वे के आधार पर पार्टी दोनों राज्यों में कुछ नए चेहरों को मौका देगी, कई मौजूदा विधायकों के टिकट काटने की तैयारी है.