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मध्य प्रदेश नगरीय निकाय चुनावों के पहले चरण में छह जुलाई को जिन 11 नगर निगमों के लिए मतदान हुआ था, उनमें तीन पर कांग्रेस, दो में भाजपा मजबूत है। सिंगरौली में पहली बार आम आदमी पार्टी भी मैदान में दिख रही है।
मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में छह जुलाई को 11 नगर निगमों में मतदान हुआ। इनमें तीन पर कांग्रेस, दो पर बीजेपी मजबूत दिख रही है। सिंगरौली सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय है। यहां पर आम आदमी पार्टी (आप) भी टक्कर देती दिख रही है। भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी है। प्रदेश में 11 नगर निगमों- भोपाल, इंदौर, बुरहानपुर, ग्वालियर, जबलपुर, छिंदवाड़ा, उज्जैन, सागर, सिंगरौली, सतना, खंडवा में छह जुलाई को मतदान हुआ था। इसके परिणाम रविवार को आएंगे। ग्वालियर, छिंदवाड़ा, सागर में कांग्रेस मजबूत दिख रही है। खंडवा और बुरहानपुर में बीजेपी प्रत्याशी भारी दिख रहा है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन और सतना में बीजेपी और कांग्रेस में सीधी टक्कर है। सिंगरौली में बीजेपी और कांग्रेस के साथ ही आम आदमी पार्टी भी टक्कर में है।
ग्वालियर: भाजपा में गुटबाजी का फायदा कांग्रेस को मिलेगा
ग्वालियर में कांग्रेस प्रत्याशी शोभा सिकरवार और बीजेपी प्रत्याशी सुमन शर्मा के बीच मुकाबला है। बीजेपी के स्थानीय नेताओं की गुटबाजी का कांग्रेस को फायदा मिल सकता है। बीजेपी महापौर प्रत्याशी को लेकर पहले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया में खींचतान चलती रही है। फिर मंच न मिलने को लेकर पूर्व मंत्री अनुप मिश्रा की सुमन शर्मा से नाराजगी सार्वजनिक रूप से सामने आ गई। ज्योतिरादित्य सिंधिया भी सुमन शर्मा का प्रचार में खानापूर्ति कर चले गए।
भोपाल: मालती राय और विभा पटेल में मुकाबला बराबर का
भोपाल में बीजेपी प्रत्याशी मालती राय और कांग्रेस की विभा पटेल के बीच मुकाबला है। यहां पर भोपाल में बीजेपी का संगठन और बड़े नेताओं की संक्रियता से बीजेपी प्रत्याशी मजबूत है। वहीं, विभा पटेल पूर्व महापौर जाना-पहचाना नाम और राजनीतिक सक्रियता में टक्कर देती दिख रही है। कांग्रेस विधायकों ने महापौर की जगह पार्षदों के लिए ज्यादा प्रचार किया, इससे विभा पटेल अकेली पड़ गई है।
इंदौरः शुक्ला और भार्गव में है कड़ा मुकाबला
इंदौर में बीजेपी प्रत्याशी पुष्यमित्र भार्गव और कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला मैदान में हैं। यहां कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला बीजेपी प्रत्याशी से मजबूत दिख रहे हैं। दरअसल, शुक्ला को कांग्रेस ने डेढ़ साल पहले ही प्रत्याशी घोषित कर दिया था। शुक्ला उसी समय से जनसंपर्क में जुट गए थे। बीजेपी ने अंतिम समय में प्रत्याशी घोषित किया। बीजेपी प्रत्याशी का स्थानीय स्तर पर विरोध भी है। कांग्रेस प्रत्याशी का चुनावी मैनेजमेंट बीजेपी पर भारी पड़ रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकती है कि सीएम शिवराज को पुष्यमित्र के समर्थन में अंतिम दिन पांच से ज्यादा रोड शो और रैली करनी पड़ी।
जबलपुरः संघ के जामदार और जमीनी अन्नू में मुकाबला
जबलपुर में बीजेपी प्रत्याशी जितेंद्र जामदार और कांग्रेस के जगत बहादुर सिंह अन्नू में मुकाबला है। जामदार की पृष्ठभूमि संघ की है। उन्हें टिकट भी संघ के कारण ही मिला है। उनकी पब्लिक कनेक्टिविटी कम है। दूसरी तरफ कांग्रेस प्रत्याशी को स्थानीय विधायकों ने टिकट दिलाया है। जबलपुर की चार सीटों से से तीन विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। वहां उसका संगठन भी मजबूत है।
छिंदवाड़ाः कमलनाथ ने लगाई पूरी ताकत
छिंदवाड़ा में बीजेपी के अनंत धुर्वे और कांग्रेस के विक्रम अहाके में मुकाबला है। छिंदवाड़ा कांग्रेस का गढ़ है। यहां पर सभी कांग्रेस के विधायक है। इसके बाद भी पिछले दो दशक से यहां भाजपा का महापौर है। इस बार कमलनाथ और नुकलनाथ ने गढ़ को बचाने के लिए जोर लगाया है। देखना है कि अंतिम समयों में प्रत्याशियों के फेरबदल का फायदा पार्टी को होता है या नहीं?
सागरः भाजपा की गुटबाजी से कांग्रेस मजबूत
सागर में बीजेपी प्रत्याशी संगीता तिवारी और कांग्रेस की निधि जैन मैदान में है। निधि जैन बीजेपी प्रत्याशी पर भारी दिख रही है। दरअसल, जैन के पति विधायक रहे हैं। उनका चुनावी मैनेजमेंट भी मजबूत है। सागर में जैन मतदाता ज्यादा है। दूसरी तरफ, बीजेपी में गुटबाजी साफ दिख रही है। दरअसल, तिवारी को भूपेंद्र सिंह ने टिकट दिलवाया है। वहीं, एक अन्य दिग्गज गोपाल भार्गव उनके पक्ष में नहीं थे।
खंडवाः बीजेपी दिख रही है मजबूत
खंडवा में बीजेपी की अमृता यादव और कांग्रेस की आशा मिश्रा के बीच मुकाबला है। यहां पर बीजेपी का संगठन एकजुट होकर चुनाव लड़ रहा है। यादव सांसद की भी पंसद है। कोई विरोध भी नहीं है। कांग्रेस प्रत्याशी आशा मिश्रा का बहुत आक्रामक प्रचार और रणनीति देखने को नहीं मिली।
बुरहानपुरः ध्रुवीकरण का मिलेगा बीजेपी को लाभ
बुरहानपुर में बीजेपी की माधुरी पटेल और कांग्रेस की शहनाज अंसारी चुनाव मैदान में है। माधुरी पटेल को स्थानीय नेताओं का समर्थन मिला है। यहां पर संगठन एकजुट होकर चुनाव लड़ रहा है। वहीं, कांग्रेस ने अल्पसंख्यक नेता के भरोसे शहनाज अंसारी को टिकट दिया है। यहां बीजेपी की प्रत्याशी मजबूत स्थिति में दिख रही है।
उज्जैनः बीजेपी ने लगाया पूरा जोर
उज्जैन में बीजेपी के मुकेश टटवाल और कांग्रेस के महेश परमार चुनाव मैदान में है। यहां पर महेश परमार की स्थिति अच्छी है। व्यक्तिगत पहचान का उन्हें फायदा मिल रहा है। हालांकि, बीजेपी ने भी परमार को टक्कर देने के लिए पूरा जोर लगा दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत ही उज्जैन से की है। इस सीट को निकालने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत लगा दी है।
सिंगरौलीः आप की दावेदारी से मजेदार हुआ मुकाबला
सिंगरौली में बीजेपी कें च्रद प्रताप विश्वकर्मा और कांग्रेस के अरविंद पटेल एवं आम आदमी पार्टी की रानी अग्रवाल के बीच टक्कर है। यहां पर आम की प्रत्याशी रानी अग्रवाल पिछली बार विधानसभा का चुनाव बहुत कम वोट से हारी थी। इस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उनके समर्थन में प्रचार करने आप भी लड़ाई में आ गई है।
सतना: बीजेपी-कांग्रेस दोनों ने लगाई पूरी ताकत
सतना में बीजेपी के योगेश ताम्रकार और कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाह के बीच लड़ाई है। बीजेपी और कांग्रेस ने यहां पर जोर लगा दिया है। दोनों के ही नेता अपनी अपनी जीत के दावे कर रहे है।