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दिग्विजय को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी, सिंधिया के इलाके में कांग्रेस में लगी इस्तीफों की झड़ी
महाराष्ट्र में मचा घमासान रोकने जा रहे कमलनाथ के सामने अपना ही घर बचाने की चुनौती आ खड़ी हुई है. वो भी सिंधिया के उस इलाके से जहां वो नगरीय निकाय चुनाव में जीत की उम्मीद लगाए बैठे थे. निकाय चुनाव में ग्वालियर चंबल में टिकट वितरण से पनपे असंतोष के बाद इस्तीफों की झड़ी लग गयी है. हालात बिगड़ते देख कमलनाथ ने अब वहां डैमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी दिग्विजय सिंह को सौंप दी है.
महाराष्ट्र में मचा घमासान रोकने के लिए कांग्रेस ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को पर्यवेक्षक बनाया है. लेकिन उनके अपने प्रदेश में मचा घमासान रोकने में ही उनके पसीने छूट रहे हैं. टिकट वितरण के बाद ग्वालियर चंबल में कांग्रेस में इस्तीफों की झड़ी लग गई है.
इस्तीफों की झड़ी
टिकट बंटवारे से नाराज ग्वालियर जिला अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा, ग्वालियर से चुनाव लड़ चुके सुनील शर्मा, सेवादल जिला अध्यक्ष समेत कई नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को अपने इस्तीफे मेल कर दिए हैं. ग्वालियर के साथ ही मुरैना में जिला कांग्रेस अध्यक्ष और मौजूदा विधायक राकेश मावई ने जिला अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश कर की है. ये सभी लोग टिकट वितरण में अपनी और अपने कार्यकर्ताओं की अनदेखी से नाराज हैं. राकेश मावई ने कमलनाथ को इस्तीफा भेजा है. बताया जा रहा है कि मुरैना में कुछ और नेता भी टिकट वितरण के बाद नाराज हैं.
डैमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी दिग्विजय को
ग्वालियर चंबल में मचे घमासान के बाद कांग्रेसी एक्टिव मोड पर है. कमलनाथ ने डैमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी दिग्विजय सिंह को सौंप दी है. दिग्विजय सिंह आज रात ग्वालियर के लिए रवाना हो रहे हैं. वहां वह सुबह पार्टी के नेताओं के साथ मुलाकात कर उन्हें मनाएंगे. कांग्रेस को उम्मीद थी कि 2018 के विधानसभा चुनाव की तरह नगरीय निकाय चुनाव में भी ग्वालियर चंबल से कांग्रेस को बढ़त हासिल होगी. लेकिन टिकट वितरण के बाद जिस तरह की नाराजगी सामने आई है उसने कांग्रेस की नींद उड़ा दी है. यही कारण है कि कांग्रेस ने जिला प्रभारियों, संभाग प्रभारियों को साइडलाइन कर अब दिग्विजय सिंह को नाराज नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी है.
अपना घर बचाने की चिंता
कांग्रेस ने महाराष्ट्र के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए कमलनाथ को वहां का पर्यवेक्षक बना दिया है. केसी वेणुगोपाल ने कमलनाथ को पर्यवेक्षक बनाने का पत्र जारी किया है. लेकिन जिस तरह से नगरीय निकाय चुनाव को लेकर एमपी में घमासान मचा है, कमलनाथ के सामने अपना घर बचाने की जिम्मेदारी आ गयी है. ऐसे हालात में कमलनाथ कैसे दोहरी जिम्मेदारी निभा पाएंगे.