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जनसंख्या वृद्धि पर रोक के लिए इस राज्य का बड़ा फैसला, 4 से अधिक बच्चों वाले व्यक्ति को नहीं मिलेगा सरकारी लाभ
बढ़ती जनसंख्या किसी भी देश के विकास के लिए अभिशाप है। यही वजह है कि समय-समय दुनियाभर के देशों की तरफ से इसे रोकने के लिए कई कदम उठाए जाते रहते हैं। भारत सरकार की तरफ से भी जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कई तरह के जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते रहते हैं। इसी बीच पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार की तरफ से ऐसे लोगों को योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाएगा, जिनके 4 से ज्यादा बच्चे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब से मणिपुर में चार से अधिक बच्चों वाले परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाएगा। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व में राज्य मंत्रिमंडल ने गुरुवार को एक अध्यादेश के रूप में मणिपुर राज्य जनसंख्या आयोग को मंजूरी दे दी।
ऐसे में मणिपुर राज्य जनसंख्या आयोग के तहत एक बार निर्णय लागू होने के बाद, यदि किसी दंपत्ति के चार से अधिक बच्चे हैं तो परिवार के किसी भी सदस्य को कोई सरकारी लाभ प्रदान नहीं किया जाएगा। आपको बता दें कि इससे पहले राज्य विधान सभा ने सर्वसम्मति से राज्य में जनसंख्या आयोग स्थापित करने के प्रस्ताव को अपनाया था।
मणिपुर की कुल जनसंख्या की बात करें तो 2011 में यहां की जनसंख्या 28.56 लाख थी। वहीं, 2001 में यह जनसंख्या 22.93 लाख थी। आपको बता दें कि इससे पहले असम ने भी एक आदेश जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि प्रदेश में 1 जनवरी, 2021 को या उसके बाद दो से अधिक बच्चों वाले किसी भी व्यक्ति को सरकारी नौकरियों का लाभ नहीं दिया जाएगा।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के विधायक खुमुक्कम जोयकिसन ने जनसंख्या वृद्धि का मुद्दा उठाया था। आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा था कि 1971-2001 से मणिपुर के पहाड़ी जिलों में जनसंख्या वृद्धि 153.3% थी, जो कि 2001 से 2011 के दौरान बढ़कर 250 प्रतिशत हो गई।