मध्य प्रदेश

Bhopal: निजी बस संचालकों पर परिवहन विभाग के अफसर मेहरबान, भोपाल तक जाने के लिए बिठाते हैं, लेकिन कर देते हैं ऐसा काम

Gulabi Jagat
26 Jun 2024 1:13 PM GMT
Bhopal: निजी बस संचालकों पर परिवहन विभाग के अफसर मेहरबान, भोपाल तक जाने के लिए बिठाते हैं, लेकिन कर देते हैं ऐसा काम
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Raisen रायसेन। महानगरीय बस सेवा के तहत तत्कालीन स्व.मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा Late Chief Minister Sunder Lal Patwa द्वारा 40 मिनी बसों के संचालनके बाद भी निजी बस संचालकों की मनमानी पर लगाम नहीं लग सकी है।वर्ष 1992 में यात्रियों के लिए यह सुविधा शुरू की गई थी। हाल ही में शहर के कई लोगों के साथ बस स्टाफ द्वारा धोखाधड़ी किए जाने के मामले सामने आए हैं। यह धोखाधड़ी यात्रियों को गलत जानकारी देकर बस में बिठाने से जुड़ी है। यात्रियों ने भोपाल के सुभाष नगर बस स्टैंड पर बस में सवार होने से पहले जब जानकारी ली तो उन्हें
रायसेन
तक बस जाने की बात कही गई। लेकिन रायसेन पहुंचने के पहले ही यात्रियों को बताया गया कि यह बस रायसेन तक नहीं जाएगी। इसलिए आपको यहां से दूसरी बस बदलनी पड़ेगी। इस तरह की धोखाधड़ी रायसेन के कई यात्रियों के साथ हुई। जिनमें से कुछ ने विरोध करते हुए बस स्टाफ से कड़ी आपत्ति जताई तो वह अभद्रता पर उतारू हो गए।मिनी बस चालक परिचालक ने सफाई देते हुए बताया कि यात्रियों ने कुसियारी जाने की बात कहकर सवार हुई थी।किराया भी कुसियारी तक का लिया गया।अब वह यात्री झूठ बोल रहे हैं।यह सरासर गलत है।
यहां गौर करने वाली बात है कि निजी बस ऑपरेटर Private bus operators द्वारा पिछले काफी समय से यात्रियों को इसी तरह गलत जानकारी देकर बस में बिठाने का सिलसिला जारी है। क्योंकि अब तक किसी भी यात्री ने इस तरह से अवैध संचालन का विरोध सिर्फ मौखिक ही जताया है। लेकिन हाल ही चोपड़ा मोहल्ला रायसेन की एक महिला यात्री के साथ जब इस तरह की घटना हुई तब उनके परिजन ने इस मामले में बताने को तैयार नहीं है।
सरपट दौड़ती मिनी बसों में यात्रियों की फजीहत....
रायसेन से भोपाल के बीच लगभग 50 किलोमीटर के क्षेत्र में सर पर दौड़ती मिनी बसों में यात्रियों की फजीहत होना आम बात हो गई है। क्षमता से अधिक सवारियों को भेड़ बकरियों की तरह ठूंस ठूंस कर भरा जाता है ।यात्रियों के साथ अभद्रता और महिला यात्रियों से मिनी बसों में बदसलूकी की घटनाएं आए दिन परिचालक करते हैं। इन पर ना तो कोई जिला परिवहन विभाग शिकंजा कसता और ना ट्रैफिक पुलिस ध्यान देती ।जिससे उनके हौसले बुलंद है।
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