मध्य प्रदेश

CM हेल्पलाइन पर शिकायतकर्ता के घर के सामने भोपाल के ठेकेदार ने सड़क मरम्मत में कर की लीपापोती

Gulabi Jagat
7 Dec 2024 2:52 PM GMT
CM हेल्पलाइन पर शिकायतकर्ता के घर के सामने भोपाल के ठेकेदार ने सड़क मरम्मत में कर की लीपापोती
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Raisenरायसेन। रायसेन शहर के वार्ड तीन में राजू सतेंद्र जोशी के मकान से लेकर ए ए वन ट्रेडर्स न्यू मार्केट तक नगर पालिका परिषद द्वारा भोपाल के ठेकेदार से घटिया सड़क का निर्माण कराया गया है।नपा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस सड़क की लागत करीब 10 लख रुपए बताई जा रही है। वर्तमान में यह सीमेंट कांक्रीट सड़क वाहनों की उड़ती धूल से परेशान हो जाते रहवासी।अथाईं मोहल्ले फौजदार मोहल्ले मड़ई पुरा धूल के गुबार जैसा मंजर नजर आते हैं। आलम यह है कि सड़क पर जैसे ही दो पहिया पहिया चार पहिया वाहन दौड़ते हैं धूल ही धूल लोगों के घरों में प्रवेश कर रही है। जिससे लोग एलर्जी सर्दी जुकाम से परेशान हैं ।
वाहनों में धूल की परतें चढ़ जाती है।खिड़की दरवाजों से घरों में घुस रही है।इस मामले की शिकायत शिकायतकर्ता कैलाश कुशवाहा ने नगर पालिका रायसेन और सीएम हेल्पलाइन पर की है। शिकायत के बाद सड़क ठेकेदार की कुंभकर्णी निंद्रा टूटी। शनिवार को ठेकेदार के साइड इंचार्ज और इंजीनियर रायसेन पहुंचे। 10 किलोग्राम सीमेंट के घोल का छिड़काव कर सड़क मरम्मत की खाना पूर्ति की ।इस संबंध में ठेकेदार के कर्मचारियों का कहना था कि यह ₹10000 का वाटरप्रूफ इमल्शन है। जिससे सड़क पर जो गिट्टी उभर आई है वह नहीं दिखेंगे और धूल भी नहीं उड़ेगी ।इधर रहवासी महेश यादव मनोज रैकवार मनोज शर्मा मनोज राठौर बबलू पंथी असलम खान आदि का कहना है कि नगर पालिका परिषद द्वारा ठेकेदार से घटिया सड़क का निर्माण कराया गया है ।
सड़क निर्माण के वक्त कम मात्रा में सीमेंट और नकली रेत का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया गया है। सड़क बनने के बाद करीब सप्ताह भर में ही जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। वर्तमान में सड़क पर धूल उड़ रही है।वाहनों के तेज रफ्तार से उड़ती धूल की वजह से रहवासी एलर्जी और सर्दी जुकाम जैसी संक्रामक बीमारियों की चपेट में है। लोगों का कहना है कि यदि सड़क पर सीमेंट और रेत आदि का घोल फिर से डलवा दिया जाए तो धूल से निजात मिल सकती है। वरना सड़क पर यूं ही धूल उड़ती रहेगी और लोग बीमार होते रहेंगे।
क्या बोले सड़क ठेकेदार के कर्मचारी....
भोपाल से आए सड़क ठेकेदार के कर्मचारियों ने बताया कि फिलहाल सड़क मरम्मत के लिए एक प्रयोग किया गया है ।अगर यह अभिनव प्रयोग सफल रहा तो जहां धूल उड़ रही है गड्ढे बन गए हैं ।वहां फिर से सड़क की मरम्मत कर खाना पूर्ति की जाएगी। लोगों का मानना है कि अगर सड़क निर्माण के वक्त सही मात्रा में बिल्डिंग मटेरियल सामग्री मिल जाती तो इस तरह सड़क मजाक नहीं बनती ।और एक गुणवत्तापूर्ण सड़क बन सकती थी ।लेकिन सड़क ठेकेदार जनता के नुमाइंदों और अधिकारियों ने सड़क निर्माण होते समय मॉनिटरिंग नहीं की और ना ही सड़क ठेकेदार को हिदायत दी ।इस तरह 10 लाख रुपए कीमत की सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।
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