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Bhagalpur: रेलवे की परती भूमि की लगातार उपेक्षा से आक्रोश
भागलपुर: पूर्व मध्य रेल हाजीपुर जोन अंतर्गत सोनपुर मंडल के गढ़हरा बरौनी में आज भी रेलवे की परती जमीन बहुत है जहां रेलवे के कई कारखाने खोले जा सकते हैं.
युवा विकास मोर्चा गढ़हरा बरौनी के संयोजक अरुण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि बिहार के ही विभिन्न विभागों के कई केंद्रीय मंत्री बने हैं. इनके प्रयास से रेलनगरी समेत बेगूसराय जिला का विकास संभव है. रेलवे पुनरुद्धार समिति गढ़हरा बरौनी के संयोजक अशोक सिंह मुन्ना ने बताया कि गढ़हरा में रेलवे के द्वारा कई योजनाओं का शिलान्यास हुआ लेकिन निर्माण कार्य नहीं हो सका. इसको लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी है. समाजसेवी विनीताभ, वार्ड पार्षद दीपक मिश्र, पंकज मिश्र, सुधीर राय, पूर्व मुखिया पंकज राय, मो. जफर आलम, मो. सरफराज आदि ने गढ़हरा-बरौनी में रेलवे की 2200 ड़ जमीन पर रेलवे या अन्य विभागों से जुड़े कई प्रतिष्ठान खोलने की मांग की है.
बताया जाता है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू के कार्यकाल में गंगा ब्रिज रेल परियोजना के गढ़हरा आने पर वर्ष 1956-57 के समय राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर, स्थानीय सांसद मथुरा मिश्र, तारकेश्वरी सिन्हा के प्रयास से गढ़हरा के करीब 10 किलोमीटर क्षेत्र में आने वाले मैट्रिक पास युवकों को रेलवे में तत्काल नौकरी का अवसर मिला. स्थानीय लोगों ने विकास के लिए रेलवे को कम कीमत पर जमीन भी मुहैया करायी.
आज बरौनी-गढ़हरा रेल क्षेत्र विकास के मामले में पूरी तरह उपेक्षित है. रेलवे कॉलोनी के मकान बदहाल हैं. सन 1973 में पूर्व श्रममंत्री सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह एवं स्थानीय विधायक चंद्रशेखर सिंह के द्वारा पलटैया श्रमिकों के आंलन में लगभग 1200 श्रमिकों को रेलवे में सीधे तौर पर नौकरी दिलायी गई जो अपने आप में मिसाल है. पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने गढ़हरा बरौनी क्षेत्र में रेलवे का कोच फैक्ट्री खोलने का आश्वासन स्थानीय विख्यात पंडित दिनेश मिश्र को दिया था. इनकी हत्या के बाद स्थानीय स्तर पर रेलवे के विकास पर ग्रहण लग गया. सन 1993- 94 में रेलमंत्री जाफर शरीफ को नरसिम्हा राव के राजनीतिक सचिव सांसद जितेंद्र प्रसाद ने गढ़हरा में कोच फैक्ट्री खोलने के लिए पत्र लिखा था. उसके बाद रेल मंत्री क्रमश रामविलास पासवान, लालू प्रसाद यादव व नीतीश कुमार के कार्यकाल में कई उल्लेखनीय कार्य करने का प्रयास हुआ. स्थानीय विकास के मुद्दे पर कई जगहों पर शिलान्यास हुआ लेकिन यहां जमीन पर कुछ नहीं दिख रहा है.