मध्य प्रदेश

बैतूल : खाट पर लेटाकर गर्भवती महिला को नदी पार कर अस्पताल ले जाया गया, देखें वीडियो

Tara Tandi
11 Aug 2022 7:20 AM GMT
बैतूल : खाट पर लेटाकर गर्भवती महिला को नदी पार कर अस्पताल ले जाया गया, देखें वीडियो
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शाहपुर थानाक्षेत्र के जामुनढाना गांव में प्रसव पीड़ा से तड़प रही एक गर्भवती महिला को पांच-छह ग्रामीण खटिया पर लेटाकर उफनती नदी पार करवाते नजर आए.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बैतूल मध्य प्रदेश के सरकार के विकास के दावों और जमीनी हकीकत के बीच कितनी खाई है, उसका अंदाजा बैतूल जिले की इस खबर से लग जाता है. यहां शाहपुर थानाक्षेत्र के जामुनढाना गांव में प्रसव पीड़ा से तड़प रही एक गर्भवती महिला को पांच-छह ग्रामीण खटिया पर लेटाकर उफनती नदी पार करवाते नजर आए. लोगों ने जैसे-तैसे जान जोखिम में डालकर महिला को अस्पताल पहुंचा दिया और अब उसकी हालत बेहतर बताई जा रही है. गांववालों का आरोप है कि यहां पुल बनाने की मांग कई सालों से की जा रही है, लेकिन कोई सुन नहीं रहा. इस घटना का वीडियो वायरल हो गया है.

दरअसल, शाहपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत पावरझंडा के जामुनढाना में बुधवार रात एक महिला को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. उसे तत्काल अस्पताल ले जाने की नौबत आ गई थी, लेकिन सबसे बड़ी समस्या ये थी कि गांव से मुख्य मार्ग तक जाने के लिए रास्ता नहीं था. यहां पहाड़ी नदी उफान पर थी. इस वजह से एम्बुलेंस या कोई भी दूसरा वाहन गांव तक नहीं पहुंच सकता था. ऐसे हालात में महिला की जान बचाने के लिए उसके परिजनों के ग्रामीणों से खाट मांगी और फिर सबने मिलकर जानलेवा जुगाड़ किया.
उफनती नदी में उतर गए गांववाले
ग्रामीणों ने महिला को एक खाट पर लिटाया. इसके बाद पांच-छह लोगों ने मिलकर उसे कंधे पर उठाकर उफनती नदी में उतर गए. अपनी जान की परवाह किए बिना ग्रामीणों ने किसी तरह महिला को नदी के दूसरे किनारे पर पहुंचा दिया, लेकिन इस दौरान अगर कोई भी चूक हो जाती तो एक साथ कई जानें चली जातीं. महिला को नदी के दूसरी तरफ लाने के बाद शाहपुर ब्लॉक में ही भौरा के सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया. यहां उसे सुरक्षित बताया जा रहा है.
दो दशकों से पुल मांग रहे हैं ग्रामीण
गौरतलब है कि फिलहाल इस मामले में अधिकारी और नेता कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. बता दें, ग्रामीण यहां नदी पर पुल बनाने की मांग दो दशकों से कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं. मजबूरन बारिश के दिनों में ग्रामीण इसी तरह से मरीजो को लाना और ले जाना करते हैं. ग्रामीणों ने कहा कि मौजूदा मामले में भी अगर यह कदम नहीं उठाते तो शायद महिला और उसके होने वाले बच्चे की जान जा सकती थी.
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