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
भोपाल. मध्य प्रदेश में अब उपभोक्ताओं को पहले से ज्यादा सुविधा देने के साथ-साथ पावरफुल बनाया गया है. इन मामलों में अब धोखेबाजों की खैर नहीं. कंज्यूमर फोरम के नए प्रावधानों के तहत उपभोक्ता कहीं भी किसी भी जगह कंज्यूमर फोरम में शिकायत कर सकता है. उसके लिए कोई पाबंदी और सीमा नहीं रहेगी. साथ ही कंजूमर फोरम को अब आयोग का दर्जा मिल गया है. घर बैठे भी उपभोक्ता ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकेंगे. मध्य प्रदेश के साथ-साथ देश में 20 जुलाई को अब उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 लागू हो गया है.
इस अधिनियम के लागू होने से उपभोक्ता को पहले से ज्यादा सुविधा और ताकत मिली है. इस एक्ट को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए 'शिकायतों के प्रभावी और त्वरित निराकरण' विषय पर सेमिनार किए जा रहे हैं. भोपाल की प्रशासन अकादमी में भी इसकी जागरूकता और पेंडिंग मामलों में तत्काल कार्रवाई को लेकर मंथन किया गया. राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष जस्टिस शांतनु एस. केमकर ने कहा कि नए कंजूमर एक्ट से उपभोक्ताओं को बहुत फायदा होगा. उपभोक्ता किसी भी कंज्यूमर फोरम में शिकायत कर सकता है.
हमारा लक्ष्य पेंडिंग मामले कम करना- जस्टिस केमकर
जस्टिस केमकर ने बताया कि डिस्टिक कंज्यूमर का दायरा बढ़ाया गया है. बड़े मामलों के लिए डिस्ट्रिक्ट लेवल पर शिकायत की जा सकती है. हम चाहते हैं कि नए एक्ट की जानकारी जिला अध्यक्षों और नए मेंबर को मिल सके. हमने सभी को त्वरित निराकरण के लिए कहा है. हमारा लक्ष्य पेंडिंग मामले कम करना है. इसकी जागरूकता के लिए शासन लगातार प्रयास कर रहा है, ताकि नए एक्ट के बारे में लोगों को पता चल सके. वहीं, भोपाल जिला उपभोक्ता आयोग के सदस्य सुनील श्रीवास्तव ने कहा कि नए एक्ट से उपभोक्ताओं को काफी राहत मिल रही है. नया एक्ट लोगों के लिए फायदेमंद भी है.
यहां इस तरह कर सकते हैं शिकायत
श्रीवास्तव ने कहा कि अब तक जहां विपक्षी रहता है, जहां उसका बिजनेस है, पहले उसी जगह के उपभोक्ता फोरम में केस दायर किए जाते थे. लेकिन नए एक्ट के तहत उपभोक्ता जो वस्तु को खरीदता है और उसकी सेवा लेता है वह जहां पर भी रह रहा है वहां पर केस दायर कर सकता है. पहले यह फोरम था, लेकिन अब इसे आयोग का दर्जा दिया गया है. इस एक्ट के तहत जिला उपभोक्ता फोरम में 20 लाख रुपए तक के मामले सुने जाते थे, लेकिन इसे बढ़ाकर 50 लाख कर दिया गया.
राज्य उपभोक्ता फोरम में दो करोड़ तक का प्रावधान है. नए एक्ट के तहत उपभोक्ता को 5 लाख रूपए तक कोई शुल्क नहीं है. वह निशुल्क अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. साथ ही घर बैठे भी अपनी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. उसे उपभोक्ता फोरम के चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. घर बैठकर ही वह https://edaakhil.nic.in/edaakhil/ पर शिकायत कर सकता है.