मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव से पहले देश - प्रदेश के इतिहास में चुनाव के दौरान पहली बार ग्रीन संकल्प कार्यक्रम आयोजित किया गया

Ritisha Jaiswal
1 July 2022 9:18 AM GMT
मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव से पहले देश - प्रदेश के इतिहास में चुनाव के दौरान पहली बार ग्रीन संकल्प कार्यक्रम आयोजित किया गया
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मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव से पहले देश और प्रदेश के इतिहास में चुनाव के दौरान पहली बार ग्रीन संकल्प कार्यक्रम आयोजित किया गया

मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव से पहले देश और प्रदेश के इतिहास में चुनाव के दौरान पहली बार ग्रीन संकल्प कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगरीय निकाय चुनाव का संकल्प पत्र जारी किया।

सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में नारियल खेड़ा में ग्रीन संकल्प कार्यक्रम आयोजित किया गया। ग्रीन संकल्प कार्यक्रम के साथ भाजपा ने जारी किया नगरीय निकाय का अपना संकल्प पत्र भी जारी किया। ग्रीन संकल्प कार्यक्रम के तहत प्रत्याशियों ने अपने नगर और महानगर को हरा भरा, स्वच्छ रखने और प्रदेश की जनता के कल्याण और समग्र विकास का लिया संकल्प लिया। इस अवसर पर भाजपा के कुल 6 हजार 507 पार्षद प्रत्याशी और नगर निगम के 16 महापौर प्रत्याशियों सहित कुल 6523 प्रत्याशियों ने एक साथ पौधारोपण कर ग्रीन संकल्प लिया।
बीजेपी के संकल्प पत्र में कई लोक लुभावन वादे किए गए। इसे 2023 के विधानसभा चुनाव को साधने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। बीजेपी के संकल्प पत्र के प्रमुख बिन्दुओं के तहत सभी 16 नगर निगम में 3000 नई बसों का संचालन किया जाएगा। अगले साल तक भोपाल और इंदौर में मेट्रो ट्रेन शुरू होगी। कक्षा 5 तक सिलेबस में स्वच्छता को जोड़ा जाएगा। नगरीय विकास और स्वच्छता प्रबंधन के लिए अगले 5 सालों में 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। एक लाख से ज्यादा संख्या वाले सभी शहरों में सीवेज सिस्टम और छोटे शहरों में फीकल स्लज और सीवेज मैनेजमेंट का इंतजाम किया जाएगा।
शहरों में लघु और कुटीर उद्योग खोलने पर फोकस किया जाएगा। नगरीय निकायों में सुशासन और कुशल प्रबंधन किया जाएगा। साथ ही मूलभूत सुविधाओं का विकास और निर्माण किया जाएगा। बड़े शहरों में विज्ञान पार्क और नॉलेज पार्क की स्थापना की जाएगी। नगर निगमों की सीमा में डॉग केयर सेंटर्स बनाए जाएंगे। पानी के निकास की व्यवस्था के लिए प्रत्येक नगर निगम में ड्रेनेज मास्टर प्लान बनाया जाएगा। नालों का प्रबंधन होगा फायर एनओसी की प्रक्रिया भी सरल होगी।
शहरों में ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर किया जाएगा और यातायात को सुगम बनाया जाएगा। एसी बसें चलेंगी शहरों में रिंग रोड बायपास अंडरपास और फ्लाईओवर का निर्माण होगा। सभी शहरों में बड़े बस स्टैंड बनेंगे मुफ्त वाई-फाई की सुविधा होगी।
नगरीय निकायों की राजस्व व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा। शहरों में मनोरंजन और ज्ञानवर्धन के लिए नॉलेज पार्क और आकर्षक स्थलों की व्यवस्था की जाएगी। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जाएगा।
सड़कों के निर्माण के लिए आगामी 2 सालों में दो हजार करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए शैक्षणिक संस्थाओं का मजबूत किया जाएगा. कॉलेज और स्कूल में कमजोर बच्चों के लिए स्मार्ट क्लासेज और मुफ्त कोचिंग की व्यवस्था होगी।
प्रदेश के प्रमुख शहरों को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित किया जाएगा और उनमें आधुनिक सुविधाएं दी जाएंगी। प्रदेश के ग्रामीण इलाकों की पशुओं पर निर्भरता को देखते हुए पशु कल्याण की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। आवारा मवेशियों के लिए गौशाला बनाई जाएंगी और इनका संचालन नागरिकों की समिति करेगी।
श्रमिकों के लिए कार्य स्थल पर ही भोजन की व्यवस्था और बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था की जाएगी। श्रमिकों के लिए कार्य स्थल पर बच्चों के पालना घर झूला घर बनाए जाएंगे। मजदूरों को 10 रुपए में भरपेट खाना मिलेगा. अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई जमीन मजदूरों में बांटी जाएगी। गरीबों को जमीन देकर पीएम आवास का लाभ दिया जाएगा।
अंत्योदय आजीविका मिशन के तहत लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. नगर निगम सीमा में आने वाले गांव के युवाओं को फूड प्रोसेसिंग के लिए जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किया जाएगा। 600 से ज्यादा संजीवनी क्लीनिक खुलेंगे सस्ती उच्च गुणवत्ता की पैथोलॉजी डायग्नोस्टिक सेंटर बनेंगे।
प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों का कायाकल्प किया जाएगा, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिले। पर्यटन स्थलों को हेलीकॉप्टर सेवा से जोड़ा जाएगा. उज्जैन महाकाल की तर्ज पर अन्य शक्तिपीठ और धार्मिक स्थलों का विकास होगा। कला और संस्कृति पर भी फोकस किया जाएगा।
प्रदेश में बड़ी जनजातीय आबादी को देखते हुए जनजातीय समाज के कल्याण के लिए काम किए जाएंगे। जनजाति समाज की महापुरुषों की मूर्तियां चौराहों पर लगाई जाएंगी। आदिवासी क्रांतिकारी और बलिदानियों के नाम पर रखे प्रमुख चौराहों के नाम रखे जाएंगे।
पर्यावरण स्वच्छता और ग्रीन बेल्ट के विकास पर जोर रहेगा। आपदा प्रबंधन को भी बेहतर बनाया जाएगा। अवैध कॉलोनियों को नागरिकों को मिलेंगी सभी सुविधाएं। ई रिक्शा ऑटो को बढ़ावा दिया जाएगा और मास्टर प्लान अंतर्गत सुनियोजित पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी।
संपत्ति कर का सर्वेक्षण ड्रोन से होगा। मल्टी सोसाइटी में मेंटेनेंस शुल्क कम होगा। सभी सरकारी कार्यालयों में सोलर पैनल लगेंगे। मोबाइल टावर के लिए कड़े नियम बनाए जाएंगे। सभी वार्ड में बाहर खेल परिसर, जिम, छोटे बच्चों के लिए मनोरंजन के साधन उपलब्ध होंगे।
हर नगर में एक फ्री वाईफाई युक्त लाइब्रेरी की व्यवस्था होगी। जिसमें पुस्तकों अखबारों और पत्रिकाओं के अलावा की पुस्तकों की पीडीएफ की व्यवस्था होगी। इसमें बैठकर युवा प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे.


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