मध्य प्रदेश

पुण्यश्लोका देवी अहिल्या बाई होलकर की त्रिशताब्दी जयंती पर कलाकारो ने दी प्रस्तुति

Sanjna Verma
30 May 2024 5:44 PM GMT
पुण्यश्लोका देवी अहिल्या बाई होलकर की त्रिशताब्दी जयंती पर कलाकारो ने दी प्रस्तुति
x

इंदौर। इंदौर की आराध्य देवी, सुशासन की प्रतिमूर्ति, न्यायमूर्ति, लोकमाता, पुण्यश्लोका देवी अहिल्याबाई होलकर की त्रिशताब्दी जयंती देश भर में धूमधाम से मनाई जा रही है, इसी क्रम में इंदौर नगर निगम द्वारा मातुश्री देवी अहिल्याबाई होलकर जी की त्रिशताब्दी जयंती की पूर्व संध्या पर आज राजबाड़ा गणेश हॉल प्रांगण में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन, मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, होलकर राजघराने के यशवंत राव होलकर तृतीया, उदयराजे होलकर, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक गोलू शुक्ला की उपस्थिति में राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी कला का जलवा बिखेर चुके इंदौर के कलाकारों द्वारा कलांजलि प्रस्तुत की गई।पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि आज से ३०० साल पहले एक ऐसी ज्योति महाराष्ट्र के छोटे से गांव में प्रज्वलित हुई। जिसने इंदौर ही नही बल्कि पूरे भारत वर्ष में अपने कार्यों से धर्म और समाज का प्रकाश फैलाया। हम अहिल्या देवी के कार्यों को याद करते हुए उनके कार्यों को आगे बढ़ाएं,

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हम अहिल्या नगरी में रहते है यही हमारा सौभाग्य है, अहिल्या माता ने जिस तरह से राजपाठ चलाया, वे एक आदर्श के रूप में हमारे सामने है, इतिहास के पन्नो में सबसे स्वच्छ, धर्म परायणता के साथ प्रजा के सुख समृद्धि और न्याय के साथ सबसे उत्कृष्ट राज्य किसी ने चलाया तो वह देवी अहिल्याबाई थी।महापौर भार्गव ने बताया कि मुझे महापौर के रूप में और हमारी परिषद का यह सौभाग्य है, कि अहिल्या माता की ३०० वी जन्मजयंती मानने का अवसर हमारी परिषद को प्राप्त हुआ है। देवी अहिल्या बाई ने कठिन परिस्थितियों में राज्य की बागडोर संभाली और संघर्षों के बावजूद मालवा ही नहीं पूरे भारत वर्षों में विकास कार्यों से धर्म ध्वजा की स्थापना की, उनके संदेश को हम सभी को आगे बढ़ाते हुए, इंदौर को आदर्श शहर के रूप में आगे बढ़ाना है।
17 समूह के 175 कलाकारो ने दी प्रस्तुति
विदुषी कल्पना ताई झोकरकर और मंजूषा जौहरी ने बताया कि लोकमाता अहिल्या बाई होलकर के जीवन से जुड़े प्रसंग पर नृत्य, संगीत, वादन और गायन के माध्यम से १७ समूह के १७५ कलाकार अपने गुरुओं के साथ मंच पर प्रस्तुति दी।अहिल्या स्तुति से प्रारंभ, मालवी भाषा में भारत माता की आरती से हुआ समापन
आयोजन की शुरुवात अहिल्या स्तुति के साथ होगी, इसके पश्चात गणेश स्तुति पर गुरु सांभवी तिवारी की टीम ने कथक की प्रस्तुति दी, अहिल्या देवी की शिव स्तुति पर डॉ. प्रियंका वैद्य ने शिव आराधना को दर्शाया, शिव पद्म में समुद्र मंथन का भारत नाट्यम नृत्य के साथ सुंदर चित्रण डॉ आशीष पिल्लई की टीम ने किया, देवी अहिल्या वधु रूप आगमन प्रसंग पर ज्योत्सना सोहनी की टीम ने भारत नाट्यम नृत्य, कुलदेव पूजन मल्हारी मार्तंड पर डॉ मेधा शर्मा ने फोलक, कुलदेवी आराधना पर वैभवी की टीम ने
ओडिसी नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया, अहिल्या
माता के मालवा में आगमन और स्वागत पर गणगौर नृत्य के माध्यम से संजय महाजन की टीम ने प्रस्तुत किया , कृष्ण रास में डॉ नेहा कोकरे की टीम ने, राम चरित्रम में अवध के होंगे राजा राम पर गीत पर बालिकाओं ने श्री राम के चरित्र को नृत्य के रूप में प्रस्तुत किया दमयंती भाटिया की टीम ने, नर्मदाष्टक पर सुचित्रा हरमलकर ने नृत्य प्रस्तुतियां दी। देवी अहिल्या पोवाड़ा पर रोहन जगताप, श्रद्धा जगताप, बंदिश तराना पर डॉ पूर्वी नीमगांवकर, ने गायन की प्रस्तुति दी। अहिल्या माता आरती और भारत माता की आरती गायन के माध्यम से और वाद्य वृंद पर स्मिता वाजपाई ने संगीतमय प्रस्तुति दी। मालवी भाषा में भारत माता की आरती के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।


Next Story