मध्य प्रदेश

भोपाल में रात 2.30 बजे तक चली अमित शाह की क्लास

Anuj kumar Rajora
27 July 2023 10:11 AM GMT
भोपाल में रात 2.30 बजे तक चली अमित शाह की क्लास
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भाजपा इस बार का प्रदेश विधानसभा का चुनाव परिवार भाव से लड़ने जा रही हैं। जैसे परिवार में सब एक समान। वैसे पार्टी में सब एक जैसे। न कोई नेता बड़ा, न छोटा। न कोई अकेला पार्टी का प्रदेश में चेहरा। सब मिलकर कांग्रेस से दो-दो हाथ करेंगे। चुनावी साल में निकलने वाली यात्रा भी इस बार एक न होकर चार या पांच निकलेगी और नेता भी इतने ही होंगे जो अलग-अलग हिस्से में यात्रा लेकर निकलेंगे। पालक के रूप में दिल्ली दरबार की भूमिका रहेगी। किसी भी बड़े मसले पर अंतिम फैसला प्रदेश की जगह केंद्रीय नेतृत्व करेगा। ये संकेत 15 दिन में दूसरी बार भोपाल आकर अमित शाह एक बार फिर दे गए।

"शाह रिटर्न'... एपिसोड स्पष्ट कर गया कि एमपी का चुनाव "दिल्ली' ही लड़ेंगी। एमपी में कोई नेता नीति निर्धारक नहीं रहना हैं। न प्रदेश के किसी एक नेता के हाथ में मिशन 2023 की कमांड रहेगी। चुनाव पर पूरा कंट्रोल "दिल्ली दरबार” का रहेगा। एमपी में चुनाव सामूहिकता के साथ लड़ा जाएगा। एकजुट होकर तमाम क्षत्रपों को भी तव्वजों देना होगी। सत्ता में लौटने के लिए प्रदेश की जनता के सामने कोई एक चेहरा ही सामने नहीं किया जाएगा। नतीजतन चुनावी साल में निकलने वाली प्रदेश भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा भी इस बार "वन मेन शो” नहीं रहेगी। अब तक इस यात्रा के रथ पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ही सवार होते थे। अब कैलाश विजयवर्गीय, ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर वीडी शर्मा भी इस यात्रा का हिस्सा होंगे। संत रविदास महाराज समरसता यात्रा की तर्ज पर ये यात्राएं भी प्रदेश के अलग अलग स्थानों से निकलेगी। ये स्थान चार भी रह सकते और पांच भी। अभी इन यात्राओं का खांका खींचा जाना शेष हैं।

ये सब स्पष्ट इशारे बुधवार को ताल नगरी भोपाल से एक बार फिर बाहर निकलकर आए। मौका था देश के गृहमंत्री अमित शाह का 15 दिन में दूसरी बार राजधानी प्रवास का। शाह रात आठ बजे राजधानी पहुंचे और वहां से सीधे भाजपा दफ्तर। फिर शुरू हुई “शाह की क्लास”। 15 दिन पहले दिए गए दिशा-निर्देशों की समीक्षा की गई। इनमें प्रदेश के जमीनी पार्टी के हालातों से लेकर पार्टी वर्कर्स की वर्तमान की मनोवृत्ति जैसे गंभीर विषय शामिल थे। पार्टी के पुराने नेताओं की राजी नाराजी और उपयोगिता पर हुई मेहनत पर भी विस्तार से बात हुई। चुनाव प्रबंधन कमेटी के मुखिया केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सिलसिलेवार वे सब मसले शाह के समक्ष रखे, जो बीते एक पखवाड़े में गुण दोष के आधार पर सामने आए। इसमें चुनाव से जुड़ी समितियों से लेकर घर बैठे नेताओं को फिर से अहम जिम्मेदारियों से जोड़ने जैसे मुद्दे शामिल थे।

शाह की इस क्लास में राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष, सह प्रभारी शिवप्रकाश, प्रदेश चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, सह प्रभारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद थे। प्रदेश के हिस्से से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, महामंत्री हितानंद शर्मा, प्रहलाद पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरोत्तम मिश्रा बैठक में शामिल थे। इस मैराथन बैठक का पहला अनौपचारिक इंटरवल रात करीब साढ़े बारह बजे हुआ। उसके बाद फिर से बैठक शुरू हुई। बीते प्रवास पर शाह ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से अलग से बात की। इस बार शाह ने सीएम को छोड़ कोर कमेटी की टॉप लीडरशीप से अलग से चर्चा की। रात ढाई बजे तक ये एक्सरसाइज चलती रही। इस दौरान शाह-विजयवर्गीय की जुगलबंदी ज्यादा देखने में आई। तोमर के बाद विजयवर्गीय अकेले ऐसे नेता भी रहे जो दिल्ली दरबार से ज्यादा तव्वजो पा रहें हैं।

इंदौर संभाग में आएंगे अमित शाह..!!

भाजपा के द्वितीय वरियता प्राप्त नेता अमित शाह के भोपाल के लगातार दो दौरे के बाद अब उनके इंदौर संभाग में आने की संभावना हैं। सूत्रों की माने तो जल्द ही शाह इंदौर संभाग के दौरे पर आ सकते हैं। इसमें उज्जैन संभाग भी जुड़ सकता हैं। भाजपा के लिए मालवा निमाड़ का ये बेल्ट बेहद अहम रखता हैं। यही से सत्ता का रास्ता जाता है। पार्टी बीते 2018 के चुनाव में यही आकर रास्ता भटक गई थी और सत्ता से दूर हो गई थी। इस लिहाज से शाह का इस अंचल पर दौरा तय किया जा रहा हैं।

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