मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो पालपुर अभयारण्य में अफ्रीका के साथ अब नामीबिया के भी चीते दिखाई देंगे

Ritisha Jaiswal
29 Jun 2022 10:47 AM GMT
मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो पालपुर अभयारण्य में अफ्रीका के साथ अब नामीबिया के भी चीते दिखाई देंगे
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मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो पालपुर अभयारण्य में अफ्रीका के साथ अब नामीबिया के भी चीते दिखाई देंगे

मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो पालपुर अभयारण्य में अफ्रीका के साथ अब नामीबिया के भी चीते दिखाई देंगे. सरकार इसकी जोरशोर से तैयारी कर रही है. अफ्रीका और नामीबिया के विशेषज्ञों की टीम हाल ही में यहां का दौरा करके लौटी है. उसे कूनो का वातावरण और जरूरी सुविधाएं चीतों के लिए अनुकूल लगीं. जो छोटी-बड़ी खामियां उसे यहां मिलीं, उन्हें दूर करने की सलाह विशेषज्ञ दे कर गए हैं.

श्योपुर का कूनो पालपुर अभयारण्य लंबे समय से नये मेहमानों का इंतजार कर रहा है. गिर के शेर यहां लाने की योजना लंबे समय से चल रही है. अब अफ्रीका और नामीबिया से चीते लाने का प्लान है. इसी सिलसिले में दोनों देशों के विशेषज्ञों की टीम यहां आयी और पूरे अभयारण्य का दौरा करके लौटी. टीम को यहां बाकी सब तो ठीक लगा लेकिन चीतों के बाड़े में कुछ छोटे-मोटे काम और कराने के लिए कहा है. जिन्हें तेजी के साथ कराया जा रहा है.
मुकुंदरा में रखे जाएंगे कुछ चीते
अब चर्चा है कि अगर अफ्रीका के साथ – साथ नामीबिया भी चीते भेजता है तो कुनों में बनाए गए बाड़े में चीतों के लिए एरिया कम पड़ेगा. ऐसे में कुछ चीतों को श्योपुर से सटे हुए राजस्थान के मुकुंदरा के बाड़े में अस्थाई तौर पर कुछ समय के लिए शिफ्ट किया जा सकता है.





बब्बर शेर आ न सके
श्योपुर के कूनो पालपुर अभयारण्य को गुजरात के गिर अभयारण्य के बब्बर शेरों के दूसरे घर के रूप में विकसित किया गया था. पहले यहां बब्बर शेरों की बसाहट कराने की कोशिश की गई लेकिन, किन्ही कारणों से बब्बर शेरों को अभी तक नहीं लाया जा सका है. अब अफ्रीका और नामीबिया के कुछ चीतों को कूनो में बसाने की तैयारी है. अफ्रीका और नामीबिया के एक्सपर्ट यहां का दौरा करके अधिकारियों को जल्द ही चीते भेजने के संकेत दे चुके हैं. यहां की तैयारियां भी लगभग पूरी हो चुकी हैं. अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगस्त से सितंबर माह तक यहां अफ्रीका के 12 और नामीबिया के 6 चीतों को शिफ्ट कर दिया जाएगा.

12 चीते रखने की जगह
कूनो में तैयार किए गए बाड़े की कैपेसिटी 12 चीतों को रखने की है. ऐसे में अगर नामीबिया के 6 चीते भी साथ में यहां भेजे जाते हैं तो सीमावर्ती राजस्थान के मुकुंदरा में बने पुराने बाड़े में करीब 6 चीतों को कुछ समय के लिए रखा जाएगा. श्योपुर में व्यवस्था होने के बाद फिर उन्हें कुनों में शिफ्ट कर दिया जाएगा. डीएफओ प्रकाश वर्मा का कहना है अफ्रीका और नामीबिया के एक्सपर्ट हमारी तैयारियों को और यहां के माहौल को ठीक तरह से देख चुके हैं. उन्होंने जो खामी बतायी वह छोटे-छोटे काम तेजी के साथ किए जा रहे हैं. हमारी 90 प्रतिशत से ज्यादा तैयारी पूरी हो चुकी है. अफ्रीका के अलावा नामीबिया से भी चीते मिलने के संकेत मिल रहे हैं. अगर चीते एक साथ आते हैं तो कुछ को राजस्थान में कुछ समय के लिए रखा जाएगा. बाद में उन्हें यहीं शिफ्ट कराया जाएगा.


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