- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- सत्यापन के समय फिर...
झाँसी न्यूज़: कृषि यंत्रीकरण योजना में एजेंसियों का भ्रष्टाचार बेलगाम हो चुका है. जिन किसानों के नाम पर यंत्रों के टोकन जनरेट करके उनके बिल भुगतान को लगाए जा रहे, उनको इस खेल की जानकारी तक नहीं है. शासन के निर्देश पर होने वाले सत्यापन में यह सच्चाई लगातार सामने आ रही है. एक बार फिर 15 कृषि यंत्र किसानों के पास नहीं मिले.
खेतीबाड़ी के कामकाज को आसान करने के लिए कृषि यंत्रीकरण योजना संचालित है. जिसके तहत किसानों को सुपर सीडर, प्लाऊ, ट्रैक्टर माऊंटेन स्पेयर, चेपकटर मानवरहित, पशु चलित, विकल्प साइथ, चारा मशीन, लेजर लैंड लैवलर सहित विभिन्न यंत्रों की खरीद पर अनुदान केन्द्र और राज्य सरकार देती हैं. इसका लाभ पाने के लिए बाकायदा एक प्रक्रिया निर्धारित है. जिसमें किसान पहले कृषि यंत्र के लिए आवेदन करते हैं. फिर विभाग पहले आओ पहले पाओ के तहत चयन करता है. चयनित किसान आनलाइन टोकन जनरेट करके कृषि यंत्र की खरीद करके बिल अपलोड कर देते हैं. इसके बाद सरकार किसान के बैंक खाते में अनुदान की राशि हस्तांतरित करते हैं.इसे पारदर्शी बनाने के लिए शासन ने यंत्रों की खरीद करने वालों को अनुदान से पहले सत्यापन प्रारंभ कर दिया. कृषि यंत्र मिलने के बाद ही अनुदान हस्तांतरित किया जा रहा है. इससे एजेंसियों की सेंधमारी उजागरहो गई. एजेंसियों ने किसानों की आड़ लेकर आवेदन के बाद कृषि यंत्रों के बिल वेबसाइट पर डाल दिए लेकिन उनको इसकी हवा तक नहीं लगने दी.
फर्मों को किया गया तलब: कृषि यंत्रीकरण योजना में सेंधमारी उजागर होने पर कृषि विभाग अधिकारियों ने न्यू निरंजन कृषि यंत्र पटेल नगर, बाला जी ट्रेडर्स सागर रोड मसौराकलां, सावित्री इंटरप्राइजेज मेन सागर रोड, मेसर्स वंदना एजेंसी बाईपास रोड हाइवे व मेसर्स पटेल कृषि यंत्र ललितपुर को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया गया है.