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सर्वे के बाद वार्ड आरक्षण को लेकर जारी आदेश की जांच होगी
बिहार न्यूज़: डेस्क सर्वे के बाद वार्ड आरक्षण को लेकर जारी आदेश की जांच होगी. वार्ड आरक्षण के लिए जो सूची जारी हुई है उसे लेकर शिकायत मिलने पर संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बिहार मिथिलेश कुमार साहु ने राज्य निर्वाचन आयोग बिहार को इस संबंध में कार्रवाई का आदेश दिया है. जिसके आलोक में डीएम सह निर्वाचन पदाधिकारी से प्रतिवेदन मांगा गया है.
इसके साथ ही अन्य वार्ड के मामले में भी निवर्तमान प्रतिनिधि और अन्य लोगों के द्वारा सवाल उठाये जाने लगे हैं. पुराने तीस से बने नया 42 को अतिपिछड़ा महिला की बजाए सामान्य सीट बना दिया गया है. शिकायतकर्त्ता निवर्तमान पार्षद प्रभावती देवी ने बताया कि यह सीट अतिपिछड़ा महिला के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है. इसके आलोक में ही अनुग्रह नारायण संह समाज अध्ययन संस्थान द्वारा नगर निगम के सात वार्डो में सामाजिक संरचना का अध्ययन किया गया था. जिन सात वार्डो के संदर्भ में अध्ययन किया गया उसमें भी वार्ड 42 शामिल था. बताया कि साजिशतन इस वार्ड के आरक्षण में फेरबदल कर अतिपिछड़ा की हकमारी की जा रही है. इसी तरह पुराना वार्ड बीस अतिपिछड़ा के लिए आरक्षित था. इस वार्ड का पुर्नगठन कर वार्ड 29 बनाया गया है. वार्ड आरक्षण से पहले नगर निगम कार्यालय से कर्मियों से पुराने वार्ड के आरक्षण रोस्टर की रिपोर्ट मांगी गयी थी. यहां पर कर्मियों ने अपनी रिपोर्ट में वार्ड का उल्लेखित किया पर पुराने वार्ड का ही अंकन कर दिया. इसमें पुराने और उसके पुर्नगठन के बाद बने वार्ड का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया. लिहाजा वार्ड पुर्नगठन के बाद बने नये वार्ड में पुराने वार्ड के ही आरक्षण की प्रक्रिया को अपना लिया गया और उसी आधार पर सूची जारी कर दिया गया. इसकारण वार्ड 29 भी अतिपिछड़ा की झोली से निकलकर सामान्य अन्य बना दिया गया. इसीतरह पुराने 13 से बने नया 28 को अतिपिछड़ा महिला से एससी सीट बना दिया गया है.
इस तरह नगर निगम क्षेत्र में घमासान मचा हुआ है. वार्ड आरक्षण के बदलाव पर लोगों की नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है. स्थानीय प्रतिनिधियों ने बताया कि सही आकलन नहीं किये जाने के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है.