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न्यूज़क्रेडिट; अमरउजाला
पूछताछ के दौरान जीजा ने साले देवेंद्र की हत्या करने की घटना कबूल कर ली है। लगभग 10 दिन पहले जबलपुर पुलिस देवेंद्र उर्फ लाला के परिजनों को ढूढती हुई धनवासी गांव पहुंची थी।
बहन के प्रेम विवाह से नाराज साले को करीब डेढ़ साल पहले जीजा ने मौत के घाट उतार दिया। वह दो साल तक पुलिस को चकमा देता रहा। लेकिल पुलिस के हत्थे वह चढ़ गया। फिंगर प्रिंट के माध्यम से पुलिस ने मृतक की शिनाख्त की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। शराब पिलाने के बाद ही जीजा ने पत्थर मारकर उसकी हत्या कर दी।
पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि 9 अक्टूबर 2020 महेश्वर ढाबे के पास नहर किनारे एक अज्ञात व्यक्ति की लाश मिली थी। मृतक की उम्र लगभग 30 वर्ष थी और उसके सिर में दाहिने तरफ चोट थी। मृतक की पहचान थाना कोतवाली जिला डिंडौरी के धनवासी गांव निवासी देवेंद्र कुमार मन्दे उर्फ लाला के रूप में हुई थी। मृतक की फोटो के आधार पर परिजनों ने उसकी शिनाख्त की थी। पुलिस जांच में सामने आया था कि जीजा बाल सिंह मरावी ने देवेंद्र को जबलपुर बुलाया था। बाल सिंह मरावी नागपुर में पत्नि के साथ रहता है। पुलिस ने बाल सिंह मरावी उम्र 30 वर्ष को अभिरक्षा में लेते हुये थाना बरगी लाया गया। पूछताछ के दौरान जीजा ने साले देवेंद्र की हत्या करने की घटना कबूल कर ली है। पुलिस से बचने के लिए बाल सिंह अपनी पत्नी को लेकर नागपुर चला गया था।
देवेंद्र की बहन से किया था प्रेम विवाह
देवेंद्र की बहन सरस्वती से आरोपी बाल सिंह मरावी उर्फ राजा निवासी ग्राम सुदामापुर केदारपुर थाना किदरई जिला सिवनी निवासी बाल सिंह ने प्रेम विवाह किया था। उस समय आरोपी अन्नपूर्णा ढाबा निगरी थाना बरगी में काम करता था। जिसके कारण सरस्वती का भाई उससे नाराज रहता था। मृतक का अपने गांव में काफी आंतक था। आए दिन वह अपने परिवारवालों और अन्य ग्रामीणों के साथ मारपीट करता था। उसके खिलाफ थाना कोतवाली में साल 2016 से 2020 तक 6 मुकदमे दर्ज हुए थे।
जीजा को डर था कि साला उसकी हत्या कर पत्नी को ले जा सकता है
आरोपी को डर था कि प्रेम विवाह से नाराज साला उसकी हत्या कर सकता है। उसने सुनियोजित ढंग से देवेंद्र को जबलपुर बुलाया और दूसरी शादी कराने का झांसा भी दिया। 08 अक्टूबर 2020 को रद्दी चौकी देवेंद्र पहुंच गया। बाल सिंह ने पहले ही शराब खरीदकर रखी हुई थी। उसने देवेंद्र को ज्यादा शराब पिलाई औऱ खुद ने कम शराब पी थी। उसके बाद दो और लोग आटों से बैठकर तिलवारा पहुंचे।
पत्थर मारकर की हत्या
यहां उन्होंने फिर शराब खरीदी और महेश्वर ढाबा के पास पहुंच गए। उसके बाद भी देवेंद्र को और शराब पिलाई और नशा होने पर पत्थर मारकर उसकी हत्या कर दी। घटना स्थल पर ही देवेंद्र की मौत हो गई। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी अन्नूपूर्णा ढाबा निगरी आ गया। उसके बाद वह अपनी पत्नी सरस्वती को लेकर डिंडौरी जाकर काम करने लगा था।