मध्य प्रदेश

हेलीकॉप्टर की व्यवस्था करे प्रशासन, तभी करेंगे पंचायत चुनाव में वोटिंग,

Admin4
18 Jun 2022 4:01 PM GMT
हेलीकॉप्टर की व्यवस्था करे प्रशासन, तभी करेंगे पंचायत चुनाव में वोटिंग,
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हेलीकॉप्टर की व्यवस्था करे प्रशासन, तभी करेंगे पंचायत चुनाव में वोटिंग,

मध्य प्रदेश में पंचायत-नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियों के बीच रीवा जिले से अजीबो-गरीब खबर है. जिले के गंगेव जनपद क्षेत्र अंतर्गत 14 ग्राम पंचायतों के ग्रामीण इन दिनों सड़क की समस्या से परेशान हैं. उन्होंने इसे लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया, लेकिन सरकार की तरफ से कोई बात नहीं बनी. इस मामले पर अब उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग से कहा है कि अगर गांव में सड़क की समस्या को दूर नहीं किया गया तो वह मतदान नहीं करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने ये मांग भी कि अगर सरकार को मतदान कराना है तो हमारे लिए हेलीकॉप्टर की व्यवस्था करे, क्योंकि वह सड़क मार्ग से मतदान केंद्र नहीं पहुंच सकेंगे.

गौरतलब है कि रीवा जिले की गंगेव जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत सेदहा ग्राम पंचायत में ग्रामीणों ने 'सड़क नहीं तो वोट नहीं' का नया नारा दिया है. उसके बाद से प्रशासन में यहां हड़कंप मचा हुआ है. बता दें, सेदहा ग्राम पंचायत में आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बावजूद अब तक सड़क की समस्या बनी हुई है. इसके कारण ग्रामीणों ने इन त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में वोट न करने का फैसला किया है. ग्रामीणों ने बताया कि सारी जानकारी होने के बावजूद प्रशासन ने बारिश के मौसम में भी यहां पंचायत चुनाव का पोलिंग बूथ नियुक्त कर दिया है. अधिकारी अच्छी तरह से जानते हैं कि जैसे ही बारिश हुई, वैसे ही गांवों का संपर्क सभी जगह से पूरी तरह टूट जाएगा.

किसी ने नहीं निकाला हल

इसलिए यहां चुनाव के लिए पोलिंग बूथ तक पहुंचना मुश्किल हो जाएगा. गांववालों ने कहा कि कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर नेताओं तक को यह बात बता चुके हैं, लेकिन किसी ने कोई हल नहीं निकाला. इसिलए अब प्रशासन और सरकार को अगर मतदान कराना है तो उसके लिए विशेष व्यवस्था करानी होगी. पोलिंग बूथ तक सड़क से जाना मुश्किल होगा, इसिलए हेलीकॉप्टर की व्यवस्था करनी होगी. अगर ये व्यवस्था नहीं होती है तो मतदान मुश्किल है

तीन दशक से है ये समस्या

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि तीन दशक से पोलिंग बूथ की समस्या बनी हुई है. कई सरपंच आए और चले गए, लेकिन किसी ने समस्या का हल नहीं निकाला. पंचायत सचिव और रोजगार सहायक रोज यहां से गुजरते हैं. चुनाव के मद्देनजर तो कलेक्टर सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी यहां आ चुके हैं. इनके अलावा नेता तो वोट मांगने आते ही हैं. लेकिन, किसी ने यहां की समस्या पर गंभीरता से विचार नहीं किया.

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