मध्य प्रदेश

ई-नीलामी के पोर्टल पर पमरे के कुल 650 से अधिक एसेट्स को आईआरईपीएस से जोड़ा गया, पारदर्शिता एवं सरलीकरण हुआ रेलवे की प्रक्रिया

Nilmani Pal
12 July 2022 1:52 PM GMT
ई-नीलामी के पोर्टल पर पमरे के कुल 650 से अधिक एसेट्स को आईआरईपीएस से जोड़ा गया, पारदर्शिता एवं सरलीकरण हुआ रेलवे की प्रक्रिया
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रेलवे न्यूज़

जबलपुर: भारतीय रेलवे ने प्रचलित ई-नीलामी के अनुरूप भारतीय रेलवे ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम (आईआरईपीएस) के माध्यम से वाणिज्यिक आय और गैर-किराया राजस्व अनुबंधों को इलेक्ट्रॉनिक नीलामी के दायरे में लाने के लिए कदम उठाए हैं। यह नीति प्रौद्योगिकी के उपयोग से आम आदमी के डिजिटल अनुभव को नया कलेवर प्रदान कर रही है। इस नई नीति के साथ, निविदा की कठिन प्रक्रिया को सरल बना दिया गया है। साथ ही, यह युवाओं को ई-नीलामी प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर प्रदान करती है। यह नीति जीवन की सुगमता को बढ़ाती है, पारदर्शिता को बढ़ावा देती है और रेलवे में डिजिटल इंडिया की पहल को शामिल करती है। इससे न केवल रेलवे की कमाई बढ़ रही है बल्कि कारोबार सुगमता के लिए किए जा रहे प्रयासों को भी मजबूती मिल रही है।

इसी कड़ी में पश्चिम मध्य रेल के तीनों मण्डलों जबलपुर, भोपाल एवं कोटा में वाणिज्यिक आय, गैर-किराया राजस्व (एनएफआर) अनुबंधों के लिए ई-नीलामी का शुरुआत हो चुकी है। इस नीति के अंतर्गत अर्निंग एसेट्स जैसे आउट ऑफ़ होम, स्टेशन को-ब्रांडिंग, पार्किंग लॉट, पार्सल वैन, स्टेशन पर रेलवे डिस्प्ले नेटवर्क (आरडीएन), मोबाईल एसेट्स, एटीएम, पे एंड यूज टॉयलेट एवं अन्य नॉन फेयर रेवन्यू (एनएफआर) इत्यादि इन परिसंपत्तियों को पोर्टल में मैपिंग करके शामिल किया गया है। अब तक पमरे में भारतीय रेलवे ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम (आईआरईपीएस) के माध्यम से कुल 650 से अधिक एसेट्स क्रिएट किये गए हैं। पश्चिम मध्य रेल में आईआरईपीएस के मध्य से अब तक जबलपुर में 59, भोपाल में 46 एवं कोटा में 25 सहित कुल 130 ने रजिस्ट्रेशन किया। इनमें से जबलपुर के 18 , भोपाल के 11 एवं कोटा के 18 सहित कुल 47 ने बैंकिंग अकॉउंट को आईआरईपीएस के साथ जोड़कर ई-नीलामी के साथ अनुंबध किया। पमरे इस नई ई-नीलामी से जुड़ने की अपील करता है। आने वाले दिनों में इसमें और भी नए आयाम जुड़ेंगे। इस नई ई-नीलामी प्रणाली की मुख्य विशेषताएं एवं लाभ इस प्रकार है।
नई प्रणाली की मुख्य विशेषताएं:
● नीलामी आईआरईपीएस के 'ई-नीलामी लीजिंग' मॉड्यूल www.ireps.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन आयोजित की जाती है ।
● किसी भी प्रभाग की किसी नीलामी में भाग लेने के लिए कोई भौगोलिक प्रतिबंध नहीं।
● परिसंपत्ति के सभी विवरणों के साथ नीलामी सूची आईआरईपीएस पोर्टल पर न्यूनतम 15 दिन पहले प्रकाशित की जाती है ।
● नीलामी ऑनलाइन आयोजित की जाती है, बोलीदाता भारत में कहीं से भी इसमें भाग ले सकते है ।
● बोलियां स्वतः तय होती है ।
● अनुबंध के लिए भुगतान अनुसूची तुरंत तैयार की जाती है।
● ठेकेदार द्वारा सभी भुगतान ऑनलाइन किए जाते है।
● पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और कागज रहित होती है।
लाभ :
1. ठेका देने के बाद रेलवे को ऑनलाइन भुगतान। अभी तक पार्सल लीजिंग अनुबंध में दैनिक मैन्युअल भुगतान का प्रावधान है, अब इसे ऑनलाइन कर दिया गया है।
2. प्रक्रियाओं का सरलीकरण।
3. निविदाओं को अंतिम रूप देने में लगने वाले समय को काफी कम कर देता है। इस कारण राजस्व हानि नगण्य रहती है।
4. पात्रता संबंधी मानदंड के लिए 40 लाख रुपये तक की कोई सीमा ना होने से स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने में मदद करेगा।




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