मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में नौकरी से बर्खास्त किये जाने को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर

Ritisha Jaiswal
3 July 2022 8:56 AM GMT
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में नौकरी से बर्खास्त किये जाने को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर
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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में अपराधिक प्रकरण में न्यायालय द्वारा दो साल की सजा से दण्डित किए जाने के कारण नौकरी से बर्खास्त किये जाने को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की गयी थी।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में अपराधिक प्रकरण में न्यायालय द्वारा दो साल की सजा से दण्डित किए जाने के कारण नौकरी से बर्खास्त किये जाने को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की गयी थी। हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू की एकलपीठ ने अपराध की प्रवृत्ति गंभीर नहीं होने के कारण बर्खास्ती के आदेश को गलत करार दिया है। एकलपीठ ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए बर्खास्ती के आदेश को निरस्त करने का निर्देश दिया।

छिंदवाड़ा निवासी कमल कुमार वैध की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि वह पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का कर्मचारी था। उसके घर में अक्टूबर 2010 में करंट लगने के कारण तीन साल के बच्चे की मौत हो गयी थी। पुलिस ने न्यायालय के समक्ष उसके खिलाफ अभियोजन पत्र दायर किया था। न्यायालय ने मई 2018 में धारा 304 ए के तहत दो साल की सजा तथा 5 सौ रुपये के अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया था। जिसके बाद उसे जमानत का लाभ मिल गया था। सजा से दण्डित होने के कारण मप्र सिविल सर्विस रुल्स 1966 के तहत उसे बर्खास्त कर दिया गया। बर्खास्ती की कार्रवाई के पूर्व उसे अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर तक प्रदान नहीं किया गया। एकलपीठ ने नौकरी से निकाले जाने का आदेश बर्खास्त कर दिया है।


Ritisha Jaiswal

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