मध्य प्रदेश

बड़े प्रोजेक्ट्स की खुलेगी नई राह, निगम के विकास कार्यों को पूरे करने के लिए हो सकेगा राशि का इंतजाम

Admin Delhi 1
15 Feb 2023 6:39 AM GMT
बड़े प्रोजेक्ट्स की खुलेगी नई राह, निगम के विकास कार्यों को पूरे करने के लिए हो सकेगा राशि का इंतजाम
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इंदौर न्यूज़: नगर निगम के ग्रीन बॉन्ड को लेकर आम निवेशकों ने जिस तरह की प्रतिक्रिया दी है, उससे आर्थिक तंगी से गुजर रहे इंदौर नगर निगम को विकास से जुड़े अपने अन्य बड़े प्रोजेक्ट्स को लेकर पैसा जुटाने का रास्ता मिल गया है. हालांकि ये रास्ता उन्हीं प्रोजेक्ट्स में काम आएगा, जिनसे पैसा रिटर्न आने की उम्मीद होगी. निगम के इस आर्थिक नवाचार को लेकर चार्टर्ड अकाउंटेंट कीर्ति जोशी से चर्चा की. उन्होंने बताया कि शहर के विकास में इस नवाचार से कैसे बदलाव होगा.

निगम के इस बॉन्ड की सफलता तय थी. एनर्जी सेविंग प्रोजेक्ट्स का समय है और इसके आगे बढ़ने की काफी उम्मीद है. ऐसे में ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स को मार्केट में काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. पैसे लगाने वाला व्यक्ति सबसे पहले जिन बातों की जानकारी जुटाता है, उसमें सबसे अहम पैसे सुरक्षित रहने और रिटर्न की गारंटी जैसे सवाल होते हैं. चूंकि इस बॉन्ड को सरकार की गारंटी मिली हुई है, इसलिए निवेशकों को भरोसा रहता है कि उनका पैसा सुरक्षित है.

ग्रीन बॉन्ड प्रोजेक्ट्स में बिजली बनने और उससे पैसों की बचत तय है. ऐसे में निवेशकों को पैसा लौटने का विश्वास है. ग्रीन एनर्जी के प्रोजेक्ट्स कार्बन उत्सर्जन को भी रोकते हैं, जो सामाजिक सरोकार का काम है. इसके चलते निवेशक ऐसे प्रोजेक्ट्स में पैसा लगाते हैं. भविष्य में भी निगम ऐसे प्रोजेक्ट्स बनाता है तो निवेशक पैसा लगा सकते हैं. सड़क निर्माण, सीवरेज निर्माण या ऐसे अन्य प्रोजेक्ट्स में आय नहीं होती है, इसलिए निवेशकों की इसमें रुचि नहीं रहती है और इससे आमदनी नहीं होगी.

इस बॉन्ड को जो रिस्पांस मिला है, उससे साफ है कि बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए जनता सहयोग को तैयार है. हम इंदौर को विकसित करने के लिए और प्रोजेक्ट्स बनाएंगे, जिससे जनता से पैसा जुटाकर शहर का तेजी से विकास किया जा सके. - पुष्यमित्र भार्गव, महापौर

हजार करोड़ पार कर सकता है इंदौर का बॉन्ड

ग्रीन बॉन्ड पर पहले ही दिन 662.51 करोड़ के आवेदन मिले हैं. बॉन्ड पर आवेदन आएंगे. माना जा रहा है कि को 1 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि के लिए आवेदन आ सकते हैं, जो रेकॉर्ड होगा.

निगम को इन कार्यों में मिल सकती है मदद

● पीएमएवाय के फ्लैट्स: नि गम ने इंदौर में 25 हजार से ज्यादा फ्लैट्स बनाने का प्रोजेक्ट तैयार किया था. अभी लगभग 6 हजार इकाई पर काम चल रहा है. शेष मकानों का काम जल्द शुरू होना है. इसमें निगम को 2 हजार करोड़ से ज्यादा का खर्च आना है. निगम ये पैसा बॉन्ड जारी कर जुटा सकता है. फ्लैट्स बेचने के बाद आया पैसा निवेशकों को लौटाने में सहायक होगा.

● स्मार्ट सिटी गंदी बस्ती प्रोजेक्ट्स: स्मार्ट सिटी कंपनी के एबीडी एरिया में आने वाली गंदी बस्तियों की जगह निगम हाईराइज बिल्डिंग बनाना चाहता है. पैसों की तंगी के चलते केवल एमओजी लाइन के प्रोजेक्ट पर ही काम शुरू हुआ है. लोधा कॉलोनी और अन्य प्रोजेक्ट्स ठंडे बस्ते में हैं. इनके लिए 600 करोड़ से ज्यादा की जरूरत है. इनके लिए भी बॉन्ड के जरिए पैसा जुटाया जा सकता है. इस प्रोजेक्ट में लोगों से फ्लैट्स के एवज में पैसा मिल सकेगा. नए व्यावसायिक क्षेत्र भी विकसित होने से आया पैसा निवेशकों को लौटाया जा सकता है.

● कचरा निपटान के प्रोजेक्ट्स: कचरा निपटान में नंबर वन शहर होने के साथ निगम अलग-अलग तरह से कचरे को खत्म कर रहा है. कचरे को दोबारा उपयोग में लाने के नए प्लांट्स स्थापित करने के लिए भी निगम बॉन्ड से पैसा जुटा सकता है. इंदौर में मौजूद बायोमेथेनाइजेशन प्लांट 150 करोड़ रुपए में बना है. इसे दिल्ली की कंपनी ने तैयार किया था. कंपनी इससे निकलने वाली गैस को बेचकर पैसा कमा रही है.

● आइटी पार्क: अपनी खाली जमीनों पर निगम आइटी पार्क की योजना बना रहा है. आइटी पार्क तैयार करने में 2 से 3 हजार करोड़ की जरूरत होगी. निगम राज्य सरकार के अन्य विभागों की मदद से इन्हें तैयार करने पर विचार कर रहा है. यदि इनके लिए भी निगम बॉन्ड लाता है तो इसके सफल होने की संभावना है.

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