- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- भाजपा-कांग्रेस के...
मध्य प्रदेश
भाजपा-कांग्रेस के सामने एक नई मुसीबत, भारतीय आदिवासी पार्टी
Harrison
21 Sep 2023 3:29 PM GMT
x
भोपाल | मध्य प्रदेश में नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। पिछले महीने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की। इसी के साथ सूबे में सियासी चहलकदमियां तेज हो गईं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राज्य में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच में है। हालांकि दोनों बड़ी पार्टियों के सामने पहले 'आप' और अब 'बाप' नई मुसीबत बन कर आई हैं।
'आप' के बाद अब 'बाप' की एंट्री
अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) ने इसी महीने मध्य प्रदेश में उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है। 'आप' ने राज्य में चुनावी तैयारियां तेज कर दी हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश के 21 सीटों पर भारतीय आदिवासी पार्टी (बाप) चुनाव लड़ सकती है। ये सभी 21 सीटें एमपी के पश्चिमी हिस्से से हैं और आदिवासी बहुत इलाके हैं। 'बाप' भील आदिवासी बहुल इलाके की पार्टी है।
'बाप' का क्या एजेंडा
भारतीय आदिवासी पार्टी की लॉन्चिंग 10 सितंबर, 2023 को हुई थी। यह पार्टी भीलप्रदेश की मांग के साथ चुनावी मैदान में उतरने जा रही है। 'बाप' के एमपी इकाई के प्रदेश अध्यक्ष ईश्वर गरवाल ने बताया कि उनकी पार्टी पश्चिमी मध्य प्रदेश के आदिवास समुदाय के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
भाजपा-कांग्रेस के सामने एक नई मुसीबत
राज्य में भाजपा की कांग्रेस है। आगामी चुनाव में मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही माना जा रहा है। हालांकि राजनीतिक जानकारों का कहना है कि 'आप' की एंट्री से भाजपा और कांग्रेस से नाखुश वोटर केजरीवाल की पार्टी को वोट दे सकते हैं। एमपी में 'आप' केजरीवाल के 'दिल्ली मॉडल' का जोर शोर से प्रचार कर रही है। वहीं दूसरी तरफ अब 'बाप' की एंट्री से राज्य के आदिवासी वोटरों को साधना भाजपा-कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। एमपी के 230 सीटों में से 80 सीटों पर आदिवासी वोटरों का प्रभाव निर्णायक माना जाता है। वहीं राज्य में कुल 47 सीटें आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित हैं। राज्य में आदिवासियों की कुल आबादी 22 फीसदी है। 'बाप' के फाउंडर कांतिभाई रौत ने भाजपा और कांग्रेस पर आदिवासियों का शोषण करने का आरोप लगाया है। ऐसे में भाजपा-कांग्रेस के सामने आदिवासी वोटरों को साधना एक नई मुसीबत बन सकती है।
Tagsभाजपा-कांग्रेस के सामने एक नई मुसीबतभारतीय आदिवासी पार्टीA new problem in front of BJP-CongressBharatiya Tribal Partyताज़ा समाचारब्रेकिंग न्यूजजनता से रिश्ताजनता से रिश्ता न्यूज़लेटेस्ट न्यूज़हिंदी समाचारआज का समाचारनया समाचारTaza SamacharBreaking NewsJanta Se RishtaJanta Se Rishta NewsLatest NewsHindi NewsToday's NewsNew News
Harrison
Next Story