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एक किसान ने 8 करोड़ रुपये का टमाटर बेचा, इंटरव्यू लेने उसके घर पहुंचे कृषि मंत्री
जनता से रिश्ता वेबडेस्क टमाटर, मिर्च, और अदरक की खेती से करोड़पति बना किसान. मध्य प्रदेश में आने वाले हरदा जिले के किसान मधुसूदन धाकड़ ने बताया कि उन्होंने इस साल 8 करोड़ रुपये का टमाटर बेच दिया है. टमाटर, मिर्च, शिमला मिर्च और अदरक की खेती से औसतन 10 लाख रुपये प्रति एकड़ आया रिटर्न.
मध्य प्रदेश के एक किसान ने 8 करोड़ रुपये का टमाटर बेचा, इंटरव्यू लेने उसके घर पहुंचे कृषि मंत्री
हरदा जिले के प्रगतिशील किसान मधुसूदन धाकड़. परंपरागत खेती को छोड़कर हरदा जिले के एक संयुक्त किसान परिवार ने बागवानी फसलों (Horticulture Crops) को चुना. इससे न केवल करोड़ों में कमाई हुई बल्कि सैंकड़ों खेतिहर मजदूरों के लिए रोजगार का स्थाई साधन भी बन गया. मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने इस किसान परिवार से मुलाकात की और पत्रकारों की तरह उसका इंटरव्यू लेकर उनकी सफलता की कहानी को समझा और सराहा. मधुसूदन धाकड़ नाम के इस किसान ने टमाटर (Tomato), शिमला मिर्च, मिर्च और अदरक की खेती की है. इस किसान ने 60 एकड़ में मिर्च, 70 एकड़ में टमाटर और 30 एकड़ में अदरक लगाया है. इनमें औसतन आठ से 10 लाख रुपये प्रति एकड़ का प्रॉफिट हुआ है. गेहूं और सोयाबीन जैसी पारंपरिक फसलों को त्याग दिया है. मंत्री से बातचीत में धाकड़ ने बताया कि इस साल उन्होंने अकेले 8 करोड़ रुपये का टमाटर बेच दिया है.
सिरकंबा गांव के इस किसान ने बताया कि अदरक की लागत 80 हजार रुपये प्रति एकड़ आई है. रेट अच्छा रहे तो हमें 5 से 7 लाख रुपये प्रति एकड़ का रिटर्न आएगा. बहुत कम रेट भी होगा तो भी 3 लाख रुपये प्रति एकड़ से अधिक ही मिलेगा. करीब आठ महीने की फसल है. इसी तरह खराब स्थिति में भी कम से कम सवा दो लाख रुपये प्रति एकड़ का फायदा मिलेगा.
धाकड़ ने बताया कि इस साल टमाटर में 12 से 14 लाख रुपये प्रति एकड़ का रिटर्न मिल रहा है. करीब आठ करोड़ रुपये का टमाटर बिक चुका है. जबकि लागत 2 लाख रुपये प्रति एकड़ आई थी. मिर्च की खेती (Chilli Farming) में सात से आठ लाख रुपये का रिटर्न आया है. इनके यहां 350 श्रमिकों को रोजगार मिला हुआ है.कृषि मंत्री कमल पटेल मधुसूदन धाकड़ का इंटरव्यू लेते हुए प्रगतिशील किसान मधुसूदन धाकड़ का परिवार संयुक्त रुप से खेती के काम में लगा है. बीते कुछ वर्षों से इस किसान परिवार ने खेती के पैटर्न को बदल कर रख दिया है. यह उनका एक कदम लाभकारी साबित हुआ है. गेहूं, चना, सोयाबीन जैसी परंपरागत फसलों की जगह इस किसान परिवार (Farmer Family) ने बागवानी को चुना और अपनी डेढ़ सौ एकड़ जमीन पर टमाटर, मूंगफली, मिर्च, शिमला मिर्च और अदरक उगा कर समृद्धि का नया मार्ग खोल लिया. कृषि मंत्री कमल पटेल इस परिवार से मिलने पहुंचे जहां वह एक पत्रकार की भूमिका में नजर आएजिन फसलों की डिमांड उनकी हो खेती
कृषि मंत्री कमल पटेल ने मधु धाकड़ को दूसरे किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है. यह किसान परिवार अपने आप में मिसाल है. जिसमें खेती के पैटर्न को बदलकर कमाल कर दिया. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को यही बताने का प्रयास कर रही है कि उन फसलों की खेती की जाए जिनकी मार्केट में डिमांड है.
Tomato फार्मिंग पटेल ने मधु धाकड़ से कुल 150 एकड़ क्षेत्र में टमाटर, शिमला मिर्च, अदरक के लिए वर्गीकृत किए गए रकबे की जानकारी ली. प्रत्येक फसल के उत्पादन पर आने वाली लागत और मुनाफे की जानकारी भी हासिल की. ताकि दूसरे किसान भी इससे कुछ सीख सकें. कृषि मंत्री ने कहा कि परंपरागत खेती की जगह बागवानी में लागत अधिक आती है लेकिन मुनाफा भी उसी के अनुसार मिलता है. यह किसान परिवार प्रति एकड़ करीब दस लाख रुपए का मुनाफा अर्जित कर रहा है. इसके साथ ही करीब 350 खेतिहर मजदूरों के लिए रोजगार का इंतजाम भी कर दिया है. यह उससे भी अच्छी बात है.किसानों की आर्थिक सेहत के लिए 'बूस्टर डोज' बन सकती है हल्दी, पांच साल में डबल से भी अधिक हुआ एक्सपोर्ट