मध्य प्रदेश

99.93% अंक, स्कूल में मिला था 'पढ़ाई में बेहद कमजोर है' टैग

Admin4
12 July 2022 11:29 AM GMT
99.93% अंक, स्कूल में मिला था पढ़ाई में बेहद कमजोर है टैग
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दीपक प्रजापति जब कक्षा दूसरी में थे, तब उन्हें स्कूल से 'पढ़ाई में बेहद कमजोर' होने का टैग देकर निकाल दिया गया था, दीपक की सफलता की कहानी हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है, जिसे स्कूल के दिनों में पढ़ाई को लेकर उलाहना मिली हो।

इंदौर के रहने वाले दीपक प्रजापति ने जेईई मैन्स परीक्षा में पहले ही प्रयास में सफलता हासिल करते हुए 99.93 अंक हासिल किए हैं। दीपक की सफलता की कहानी हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है, जिसे स्कूल के दिनों में कभी ये कहा गया था कि 'वह बड़ा होकर कुछ नहीं बन सकता' या फिर 'तुम पढ़ाई में अच्छे नहीं हो'।

मजदूर पिता के बेटे दीपक की पहचान आज भले ही जेईई टॉपर के रूप में हो, लेकिन स्कूल के दिनों में उन्हें न सिर्फ शिक्षकों के ताने मिले बल्कि स्कूल से निकाले भी गए। दीपक प्रजापति जब कक्षा दूसरी में थे,तब उन्हें स्कूल से 'पढ़ाई में बेहद कमजोर' होने का टैग देकर निकाल दिया गया था। दीपक को स्कूल से भले ही निकाल दिया हो, लेकिन उन्होंने अपना आत्मविश्वास नहीं खोया और पूरी लगन से पढ़ाई में जुटे रहे। दीपक के कठिन परिश्रम का ही फल था कि उन्होंने कक्षा 10वीं में 96 फीसदी अंक हासिल किए। 10वीं पास करने के बाद दीपक सरकारी काउंसलर्स के संपर्क में आए, जिन्होंने उन्हें करियर के ऑप्शन्स बताए। दीपक ने इंजीनियरिंग करने का फैसला किया है, क्योंकि उन्होंने खुद से आईआईटी-कानपुर में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने का वादा किया है।

दीपक ने अपने घर वालों को इंजीनियरिंग करने की इच्छा बताई और जेईई की तैयारी के लिए इंदौर जाने की बात कही, परिजनों ने दीपक का सपोर्ट किया और उसे पढ़ाई के लिए इंदौर भेजा। दीपक ने हर दिन करीब 13 से 14 घंटे जेईई की तैयारी की और पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की। दीपक ने कहा कि वह पढ़ाई के दौरान सोशल मीडिया से पूरी तरह दूर रहे, जब ब्रेक लेना होता है तो वह फुटबॉल या बैडमिंटन खेलते हैं।


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