मध्य प्रदेश

एनएच-एसएच पर बननी थीं 80 हाइवे पुलिस चौकी, 32 चौकियों के लिए जमीन ही नहीं

Admin Delhi 1
21 April 2023 1:06 PM GMT
एनएच-एसएच पर बननी थीं 80 हाइवे पुलिस चौकी, 32 चौकियों के लिए जमीन ही नहीं
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भोपाल न्यूज़: प्रदेश में सड़क हादसों और इनमें होने वाली मौतों के आंकड़े को कम करने के लिए हाइवे पुलिस चौकी के जरिए स्टेट और नेशनल हाइवे पर मॉनीटरिंग की योजना अमल में नहीं आ सकी है. प्रदेश में नेशनल हाइवे (एनएच) और स्टेट हाइवे (एसएच) सुरक्षा योजना के तहत 80 चौकी बनाने की कवायद की गई थी. इसे 2017 तक पूरा होना था, लेकिन अब तक 48 हाइवे चौकियां ही बन सकी हैं.

31 हाइवे चौकियाें के लिए जमीन मुहैया नहीं हो सकी. सिर्फ नीमच के जीवद फंटा चौकी के लिए एनएच-31 पर जमीन दी है. हालांकि इसका सीमांकन नहीं हुआ है. जिन हाइवे पर 48 चौकियां बनी हैं, उनमें से अधिकतर यातायात पुलिस की बजाय संबंधित थानों के पास हैं. प्रदेश में एसएच और एनएच पर सड़क हादसों व नियमों की अनदेखी पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश को 7 जोन में बांटा था. पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (पीटीआरआइ), भोपाल के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 395 ब्लैक स्पॉट हैं, जिनमें से 215 नेशनल और स्टेट हाइवे पर हैं और प्रदेश में एक साल में सडक़ हादसों में होने वाली कुल मौतों में से 50 फीसदी से अधिक हाइवे पर होती हैं. इधर, प्रदेश में पिछल साल यानी वर्ष 2022 में हुए सड़क हादसों में 13400 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, जबकि 2021 में ये आंकड़ा 12057 था.

हाइवे पर हादसों में कमी लाने, ट्रैफिक नियमों के पालन को सख्ती से लागू करने हाइवे चौकी बनाई जा रही हैं. यहां जवान ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरुकता बढ़ाने व नियम तोड़ने पर तुरंत कार्रवाई करेंगे. जहां भूमि आवंटित नहीं हुई, वहां अफसरों से पत्राचार हो रहा है.

- जी. जर्नादन, एडीजी, पीटीआरआइ

तीन शिफ्टों में होनी है ट्रैफिक पुलिस की तैनाती

प्रदेश की 80 पुलिस चौकियों में 3 शिफ्ट में ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की तैनाती होनी है. एक बार में 1 एसआइ, 2 हवालदार और 4 आरक्षक तैनात रहेंगे. इसका उद्देश्य हाइवे पर नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों पर कार्रवाई के साथ हादसे होने पर तुरंत मदद देना है. हाइवे पर ओवर स्पीडिंग व नशे में वाहन चलाने के मामले सबसे अधिक सामने आते हैं, जो हादसों की मुख्य वजह है. सामान्य अपराधों की जांच का जिम्मा स्थानीय थानों के पास ही रहेगा. ट्रैफिक अमले के पास पर्याप्त बल नहीं होना भी बड़ा कारण है.

जिला चौकी का नाम राजमार्ग

इंदौर महू थाना एनएच-03

इंदौर चौपाटी, किशनगंज एनएच-03

गुना खटकिया, कुंभराज एसएच

ग्वालियर चराइडांग, मोहना एनएच-03

ग्वालियर पनिहार एनएच-03

विदिशा गुरोद चौराहा एनएच-12

सीहोर मेहतबाड़ा एनएच-86

भोपाल मिसरोद एनएच-12

भोपाल करोंद एसएच

नर्मदापुरम इटारसी एनएच-31

नर्मदापुरम पिपरिया एनएच-31

जबलपुर मानेगांव, बरगी एनएच-07

जबलपुर भीतलपुर एसएच

मप्र को बांटा सात जोन में, यहां हैं हाइवे चौकियां

नेशनल-स्टेट हाइवे के हिसाब से प्रदेश को 7 जोन में बांटा है. ये इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-चंबल, भोपाल-नर्मदापुरम, जबलपुर-बालाघाट, सागर, रीवा-शहडोल हैं. उज्जैन व रीवा-शहडोल जोन में सबसे अधिक 9-9, जबलपुर-बालाघाट में 8 तो इंदौर, ग्वालियर-चंबल व भोपाल-नर्मदापुरम में 6-6 चौकियां बनी हैं. सागर में 4 चौकियां बनी हैं. एनएच पर 36 तो 11 चौकियां स्टेट हाइवे पर हैं. 1 चौकी एनएच व एचएच को कवर करती है.

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