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मध्यप्रदेश | प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 12 नंबर प्रोजेक्ट में आवास बुक कराने वाले लोकेंद्र श्रीवास्तव अब पछता रहे हैं. लोकेंद्र का कहना है कि पांच साल पूरे हो गए, अब तक फ्लैट नहीं मिला. लग रहा है कि गलत जगह पैसा लगा दिया. बाग मुगालिया प्रोजेक्ट में इडब्ल्यूएस श्रेणी में फ्लैट लेने वाले नीतेश देवहरे का कहना है कि अपने घर के सपने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. कभी प्रदर्शन तो कभी शिकायतें करना पड़ रही है. पर आवास नहीं मिल रहा.
लोग निगम कार्यालय के चक्कर काट रहे है
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास बुक कर पूरी राशि देने वाले 1754 लोग निगम कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं. महापौर से लेकर निगमायुक्त और हर इंजीनियर तक अपनी बात रख चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही. 5 साल से सिर्फ आश्वासन मिल रहे हैं. राजधानी में 2017 में प्रोजेक्ट के तहत 16 हजार 347 आवास बनाना तय किए थे, लेकिन छह साल का लंबा समय और 4687 करोड़ रुपए की बड़ी राशि खर्च होने के बावजूद अभी तक महज 1200 एलआइजी-एमआइजी श्रेणी के ही आवास दे पाए. इडब्ल्यूएस श्रेणी के 3700 आवास दिए गए. कोकता, हिनोतिया आलम, राहुल नगर पार्ट एक परियोजना में ही हितग्राहियों को आवास का आधिपत्य दिया गया. नगर निगम ने माता मंदिर के पास राहुल नगर में आवासों का आवंटन कर दिया. लेकिन वहां पर कई आवासों का फर्श टूटा हुआ था.
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Harrison
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