मध्य प्रदेश

पशुपालन मंत्री के गांव से 58 बकरियां चोरी

Bharti Sahu 2
16 May 2024 6:57 AM GMT
पशुपालन मंत्री के गांव से 58 बकरियां चोरी
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मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के पशुपालन मंत्री के गांव से 58 बकरियां चोरी हो गई। इन्हें सागर से बरामद किया गया है। दमोह लाकर उन्हें उनके मूल मालिकों को लौटा दिया गया।

दमोह जिले के पथरिया विधायक और प्रदेश सरकार के पशुपालन राज्य मंत्री लखन पटेल के गृह गांव मड़ला से अज्ञात बदमाश बकरियां चुरा ले गए। पथरिया विधानसभा के नोरु मारा और राजलवारी गांव से भी बकरियां चोरी हुई थी। पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद एसपी के निर्देश पर पुलिस ने सागर जिले के बनडा में एक आरोपी को गिरफ्तार कर 58 बकरियां बरामद की। सभी बकरियों को देहात थाना लाया गया। पीड़ितों को बुला-बुलाकर बकरियां उनके सुपुर्द की गई।

देहात थाना के खिरिया मड़ला गांव निवासी सुरेंद्र बंसल ने बताया कि उसकी 10 बकरियां अज्ञात चोर चुरा ले गए थे। खोजबीन के बाद बकरियां नहीं मिली तो उसने थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराई। मंत्री पटेल से भी बकरियों दिलाने निवेदन किया। इसके साथ ही धर्मपुरा क्षेत्र से भी कुछ बकरियां चोरी हुई थी। साथ ही पथरिया विधानसभा के राजलवारी गांव निवासी नत्थू आदिवासी को अज्ञात बदमाश बंधक बनाकर गांव के बाहर ले गए थे। हाथ-पैर बांधकर एक मेड पर डाल गए थे। उसकी 21 बकरियां चुराकर अपने साथ ले गए थे। परिजन बृजरानी आदिवासी ने बताया कि कुछ दिन पहले अज्ञात चोर गांव में घुसे थे। नत्थू को घर से उठाकर काफी दूर ले गए थे। हाथ-पैर बांधकर डाल गए थे। उसकी 21 बकरियां चुरा ले गए थे। इसी तरह नोरु मारा गांव निवासी नूरजहां ने बताया कि उसकी भी पांच बकरियां चोरी हुई थी। इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई गई थी।

देहात थाना के एसआई संजू सैया ने बताया कि देहात थाना के मड़ला गांव, धर्मपुरा और पथरिया थाना के नोरु मारा और राजलवारी गांव से एक बकरी चोर गिरोह बकरियां चुराकर ले गया था। इस बात की जानकारी एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी को दी गई। उनके निर्देशन में एक टीम गठित की गई। मुखबिर से सूचना मिली कि सागर जिले के बनडा में एक गिरोह के पास कुछ बकरियां बंधी हुई है। जब पुलिस ने मौके पर जाकर दबिश दी तो कुछ आरोपी भाग निकले और एक आरोपी पकड़ा गया जिससे 58 बकरियां बरामद कर देहात थाने लाया गया। आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया और सभी पीड़ितों को देहात आने बुलाकर उनकी बकरियां चिह्नित कराई गई। पीड़ितों ने अपनी-अपनी बकरियों को पहचान लिया और उसके बाद बकरियां लेकर घर रवाना हो गए।

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