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जबलपुर। हॉस्पिटल अग्निकांड में न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल (New Life Multispeciality Hospital) के संचालक को गिरफ्तार कर लिया गया है. संचालक डॉ संतोष सोनी को उमरिया से गिरफ्तार कर लिया गया है. मामले में एक और संचालक की गिरफ्तारी की भी बात सामने आई है. बताया जा रहा है कि हॉस्पिटल में 4 डायरेक्टर हैं. अधिकारियों पर गाज गिरने का सिलसिला शुरू हो गया है. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने इस पूरी घटना को गंभीरता से लेते हुए अग्निकांड के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने अस्पतालों के संचालन पर सख्ती की तैयारी कर ली है उन्होंने कहा है कि अब किसी भी हॉस्पिटल को सर्टिफिकेशन मिलने के बाद संयुक्त समिति भौतिक रूप से भी जांच करेगी.
संचालक गिरफ्तार, अधिकारियों पर गाज: इस पूरे मामले पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने संभाग आयुक्त बी चंद्रशेखर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने जिले के CMHO डॉ. रत्नेश कुरारिया और नगर निगम के फायर सेफ्टी अधिकारी कुशाग्र ठाकुर को सस्पेंड करने के निर्देश दिए हैं. मामले में अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. निशांत गुप्ता, डॉ. सुरेश पटेल, पार्टनर डॉ. संजय पटेल और डॉ. संतोष सोनी के (Jabalpur Hospital Fire)खिलाफ विजय नगर थाने में FIR दर्ज है. इनमें से डॉक्टर संतोष सोनी को उमरिया से गिरफ्तार कर लिया गया है. उनसे पूछताछ की जा रही है. एक अन्य संचालक की गिरफ्तारी की भी सूचना है.पुलिस ने अस्पताल के असिस्टेंट मैनेजर राम सोनी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस की कई टीमें अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी हुई हैं.
डॉ. संजय मिश्रा को CMHO का प्रभार: इस बीच सरकार के निर्देश पर जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रत्नेश कुररिया को निलंबित कर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के क्षेत्रीय संचालक डॉ संजय मिश्रा को सीएमएचओ का प्रभार सौंपा गया है. डॉ रत्नेश कुरारिया इस हादसे के बाद लगातार सवालों के घेरे में थे.
लापरवाही के 136 अस्पताल: न्यूलाइफ हॉस्पिटल अग्निकांड से सबक लेते हुए जबलपुर जिला प्रशासन ने 136 अस्पतालों की सूची तैयार की है. ये कॉलेज हॉस्पिटल संचालन के लिए तय नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. आपको बता दें कि सोमवार की दोपहर जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में हुए भीषण अग्निकांड में 8 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी. जबकि कई लोग गंभीर रूप से झुलस गए थे. यह अस्पताल अनफ़िट बिल्डिंग में संचालित हो रहा था. हादसे के बाद जिला प्रशासन और सरकार नियमों को लेकर लापरवाही बरत रहे अस्पतालों पर सख्त हो गई है.
सर्टिफिकेशन के बाद भौतिक जांच भी जरूरी: चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि अब आगे से किसी भी सर्टिफिकेशन मिलने के बाद संयुक्त समिति भौतिक रूप से जांच करेगी. सिर्फ अस्पताल ही नही हर वो जगह जहां जनता की आवाजाही होती है वहां सुरक्षा के इंतजाम किए जाएंगे. फायर ऑडिट, इलेक्ट्रिक ऑडिट और स्वास्थ्य विभाग एक साथ मिल कर जांच करेंगे. सारंग ने कहा कि सिर्फ अस्पताल ही नही हर वो जगह जहां जनता की आवाजाही होती है वहां सुरक्षा के इंतजाम किए जाएंगे.