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मध्य प्रदेश
बीना-कटनी मार्ग 250 किमी से अधिक पर 2x25 केवी ट्रैक्शन सिस्टम उपलब्ध
Shantanu Roy
14 July 2022 5:47 PM GMT

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बड़ी खबर
जबलपुर। भारतीय रेलवे पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा सुरक्षित बनता जा रहा है जिसमें पश्चिम मध्य रेल द्वारा भी अहम् भूमिका निभाई जा रही है। भारतीय रेलवे ने नेटवर्क ट्रैक सिस्टम, रोलिंग स्टॉक आदि के अपग्रेडशन और मिशन 3000 मीट्रिक टन माल ढुलाई के भविष्य के शिखर को पूरा करने के लिए विभिन्न उपायों की योजना के लिए सभी क्षेत्रीय रेलवे में 2x25 केवी कर्षण प्रणाली के अपग्रेडशन के लिए कुल 2140 रूट किमी का मार्ग चिन्हित किया गया है । इसी योजना के अंतर्गत पश्चिम मध्य रेल में भी 2x25 केवी कर्षण प्रणाली के अपग्रडेशन के लिए बीना-कोटा के कुल 303 रूट किमी को चिन्हित किया गया है।
ज्ञात है की वर्तमान में बीना-कटनी मार्ग 250 किमी से अधिक पर 2x25 केवी ट्रैक्शन सिस्टम उपलब्ध है। जिसके परिणामस्वरूप सबसे व्यस्तम मार्ग पर माल गाड़ियों के संचालन में काफी कारगर साबित हुई है जिसके चलते पमरे ने फ्रेट ट्रेन की औसत गति में भारतीय रेलवे में कई बार सर्वोच्च स्थान पर रहा है। इसी प्रकार नागदा-कोटा-मथुरा मार्ग 545 किमी पर भी 2x25 केवी ट्रैक्शन सिस्टम अपग्रेडशन का कार्य चरणबद्ध तरीके से तेजी से किया जा रहा है। अतः पमरे पर लगभग 1100 किमी से अधिक 2x25 केवी ट्रैक्शन सिस्टम उपलब्ध हो जाने से मालगाड़ियों के संचालन में वृद्धि के साथ-साथ फ्रेट लोडिंग में वृद्धि होगी।
2×25 केवी ट्रैक्शन सिस्टम का अर्थ है 50 केवी पर ट्रांसमिशन और 25 केवी वोल्टेज सिस्टम का उपयोग करना। एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में फीड एक्सटेंशन संभव और लोकोमोटिव को 1×25 केवी से 2×25 केवी ट्रैक्शन सिस्टम तक निर्बाध रूप से चलाना। इस 2×25 केवी ट्रैक्शन सिस्टम के ट्रांसमिशन से कई लाभ मिलेगा।
1. बेहतर वोल्टेज रेगुलेशन और कम ट्रांसमिशन लाइन लॉस।
2. ट्रैक्शन सबस्टेशन स्पेसिंग बढ़ेगा।
3. ट्रांसमिशन नेटवर्क पर वोल्टेज असंतुलन को कम करने के लिए कारगर।
4. हाई लोड करंट पर भी बेहतर वोल्टेज रेगुलेशन।
5. 2X25 केवी सिस्टम इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेरेंस के प्रभाव को कम करता है।
6. ट्रैक्शन प्रयोजन के लिए उच्च शक्ति की आवश्यकता को पूरा करने के लिए दुनिया भर में पसंदीदा समाधान।
7. बेहतर लोड फैक्टर के रूप में अधिक से अधिक संख्या में ट्रेनों के संचालन में वृद्धि।
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