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मध्य प्रदेश
12 साल के बच्चे ने घर से चुराया 4 तोला सोना, जानें फिर क्या हुआ
Ritisha Jaiswal
2 Feb 2022 9:44 AM GMT
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छतरपुर जिले में गेम की लत ने एक 12 साल के बच्चे को चोर बना दिया। बच्चे को ऑनलाइन क्लासेस के लिए मोबाइल फोन दिया गया था
छतरपुर जिले में गेम की लत ने एक 12 साल के बच्चे को चोर बना दिया। बच्चे को ऑनलाइन क्लासेस के लिए मोबाइल फोन दिया गया था लेकिन वह मोबाइल में फ्री फायर गेम खेलने लगा। बच्चे को गेम की ऐसी लत लगी कि नया मोबाइल फोन खरीदने के लिए बच्चे ने अपने ही घर में जेवरात और पैसे चोरी कर लिए। उसने घर में रखे मां के 4 तोले सोने के जेवरात और 20 हजार रुपयों पर हाथ साफ कर दिया। नकद पैसों से उसने मोबाइल में 14 हजार रुपये का बैलेंस डलवा दिया। वहीं, वो आगे ज्वेलरी बेचकर नया मोबाइल खरीदने की फिराक में था। लेकिन परिजनों ने उसे पकड़ लिया।
जानकारी के अनुसार शहर में कोतवाली थाना क्षेत्र के एक ही मोहल्ले में रहने वाले दो बच्चे जिनकी उम्र 16 साल और 12 साल है। उन्हें परिजनों ने ऑनलाइन क्लासेस अटेंड करने के लिए मोबाइल दिया था। बच्चे मोबाइल में फ्री फायर गेम से जुड़ गए। गेम खेलने के लिए 12 साल के बच्चे ने घर में रखे मां के जेवरात सोने का हार, सोने की चैन समेत 4 तोला सोना और घर में ही रखे करीब 20 हजार रुपये नकद निकाले और अपने दूसरे साथी के साथ मोबाइल फोन में 14 हजार रुपये का बैलेंस डलवा दिया। बच्चा गहने बेचकर नए मोबाइल फोन को लेने की तैयारी कर रहा था वहीं, उसने कुछ कैस नए फोन में बैलेंस डलवाने के लिए रखा था। इसी दौरान घर में परिजनों ने फोन रिकॉर्डिंग ऑन की तो उन्हें दोनों बच्चों के गेम की लत और घर में हुई गहनों और पैसों की चोरी के बारे में पत लगा।
गेम की लत में बच्चे ने की थी खुदकुशी
सागर में फ्री फायर गेम हारने के तनाव में 30 जुलाई 2020 को एक 13 साल के बच्चे खुदकुशी कर ली थी। बच्चा गेम में 40 हजार रुपये हारने से तनाव में था, जिसके चलते उसने घर में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी। बच्चे के माता पिता नौकरी पेशा थे, उन्होंने बच्चे को ऑनलाइन क्लासेस के लिए फोन दिया था। लेकिन बच्चा मोबाइल गेम का आदि हो गया और गेम में पैसे हारने के बाद अपनी जान दे बैठा। बच्चे ने सुसाइड नोट में गेम में पैसे हारने वाली बात का जिक्र भी किया था।
गेम पर रोक लगाने सरकार कर रही तैयारी
फ्री फायर और पबजी जैसे ऑनलाइन गेम्स की लत में कई बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने इन खतरनाक गेम्स को कंट्रोल करने के लिए पहला प्रारूप बना लिया है। वहीं गेम के संबंध में जल्द ही कानून भी लाया जाएगा। बीते दिनों गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि बच्चों में ऑनलाइन गेम्स की लत गंभीर विषय है, जिस पर लगाम लगाना जरूरी है।ऑनलाइन गेम पर लगाम कसने के लिए सरकार ने पहला प्रारूप बना लिया है, जिसे जल्द ही मूर्त रूप दिया जाएगा।
जानिए क्यों लगते हैं गेम में पैसे
फ्री फायर गेम में 10 मिनट की बैटल होती है। इसमें जल्दी-जल्दी अपडेट्स मिलते हैं, जिसमें यूजर्स को नए-नए हथियार खरीदने का मौका मिलता है। फ्री फायर को दोस्तों के साथ मिलकर खेला जा सकता है, इसमें टीम के साथ खेलना यूजर्स को काफी पसंद आता है। गेम खेलने और गेम के लेवल को अपग्रेड करने के लिए पैसे देने पड़ते हैं।
बच्चों के रोक सकते हैं माता-पिता
बच्चों को गेम की लत से बचाने के लिए पैरेंट्स को उन पर नजर रखनी चाहिए। बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस के लिए एक निश्चित समय के लिए फोन दें। उन्हें ज्यादा समय फोन पर न बिताने दें। वहीं प्ले स्टोर से गेम खरीदते या डाउनलोड करते समय पूरी जांच के बाद ही इसे बच्चों को यूज करने दें।
Ritisha Jaiswal
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