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शारीरिक मापदंडों का डेटा 15 से 20 मिनट में एकत्र किया जाएगा।
नई दिल्ली: भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद (IIIT-इलाहाबाद) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक ऐसी मशीन का प्रोटोटाइप तैयार किया है जो भविष्य में किसी व्यक्ति में कोई बीमारी होने की संभावना का पता लगाने में सक्षम होगी।
'मेडिकल साइबर फिजिकल सिस्टम फॉर हेल्थकेयर' नाम की मशीन यह बताने में सक्षम होगी कि किसी व्यक्ति को भविष्य में कौन सी बीमारी हो सकती है या बीमारी का कारण क्या होगा।
इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार विभाग की सहायक प्रोफेसर सोनाली अग्रवाल के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम ने पिछले चार वर्षों से मशीन पर काम किया था, जिसके लिए डीएसटी ने 2018 में 32 लाख रुपये की राशि मंजूर की थी।
अग्रवाल ने कहा कि सेंसर से लैस इस मशीन से व्यक्ति के शारीरिक मापदंडों का डेटा 15 से 20 मिनट में एकत्र किया जाएगा।
''इस डेटा के आधार पर मशीन संबंधित व्यक्ति की चलने-फिरने और बात करने जैसी गतिविधियों का आकलन कर नियम-आधारित प्रणाली के जरिए व्यक्ति के शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव की गणना करेगी. इस विश्लेषण के बाद मशीन बताएगी कि किस तरह की उस व्यक्ति को भविष्य में कौन सी बीमारी हो सकती है और उसका कारण क्या होगा।”
उन्होंने बताया कि इसके जरिए यह भी पता लगाया जा सकता है कि अगर कोई बच्चा मोबाइल पर ज्यादा गेम खेलता है तो उसे भविष्य में किस तरह की बीमारी हो सकती है।
सोनाली के मुताबिक डीएसटी ने यह प्रोजेक्ट तीन साल के लिए दिया था, जो पूरा हो चुका है। मशीन का प्रोटोटाइप तैयार कर इसकी विस्तृत रिपोर्ट डीएसटी को भेज दी गई है।
यह शोध एक विदेशी जर्नल के हालिया अंक में भी प्रकाशित हुआ है।
इसके साथ ही संस्थान ने प्रोटोटाइप के पेटेंट के लिए भी आवेदन किया है।
उन्होंने कहा कि पेटेंट मिलने के बाद मशीन बाजार में उपलब्ध होगी।
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Triveni
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