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लोकसभा ने शुक्रवार को राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक, 2023 और राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2023 पारित कर दिया, जो नर्सिंग और दंत चिकित्सा शिक्षा की बेहतर गुणवत्ता की शुरूआत करना चाहते हैं।
राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक दंत चिकित्सक अधिनियम, 1948 को निरस्त करने का प्रयास करता है और देश में दंत चिकित्सा शिक्षा और पेशे को विनियमित करने के लिए राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग (एनएमसी) स्थापित करने का प्रस्ताव करता है। इसका उद्देश्य दंत चिकित्सा शिक्षा को किफायती बनाना और गुणवत्तापूर्ण मौखिक स्वास्थ्य देखभाल को सुलभ बनाना भी है।
राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक, 2023 का उद्देश्य राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग (एनएनएमसी) की स्थापना करना और भारतीय नर्सिंग परिषद अधिनियम, 1947 को निरस्त करना है।
विधेयक नर्सिंग और मिडवाइफरी पेशेवरों द्वारा शिक्षा और सेवाओं के मानकों के विनियमन और रखरखाव, संस्थानों के मूल्यांकन, राष्ट्रीय रजिस्टर के साथ-साथ राज्य रजिस्टरों के रखरखाव का प्रावधान करता है।
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने विधेयकों को विचार और पारित करने के लिए आगे बढ़ाते हुए कहा कि इससे देश में नर्सिंग और दंत चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने और नियामक ढांचे को मजबूत करने में मदद मिलेगी। मंडाविया ने कहा, इरादा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है ताकि दंत चिकित्सक, डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ भारत और विदेशों में लोगों को सर्वोत्तम सेवा दे सकें।
बाद में मणिपुर मुद्दे पर विरोध कर रहे विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के बीच दोनों विधेयक ध्वनि मत से पारित कर दिये गये।
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Triveni
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