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केरल के लिए काम करने को तैयार हूं, के-रेल का विकल्प सुझाया है: मेट्रोमैन ई. श्रीधरन

Sonam
14 July 2023 11:14 AM GMT
केरल के लिए काम करने को तैयार हूं, के-रेल का विकल्प सुझाया है: मेट्रोमैन ई. श्रीधरन
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केरल: न्यूज डेस्क !!! दिल्ली में केरल सरकार के विशेष प्रतिनिधि प्रोफेसर के.वी. थॉमस से मुलाकात पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए मेट्रोमैन ई. श्रीधरन ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने राज्‍य में हाई स्पीड या सेमी हाई स्पीड रेल नेटवर्क की आवश्यकता पर डेढ़ पेज का एक नोट दिया है। उन्‍होंने कहा, "मैंने उनसे कहा है कि अगर राज्य सरकार चाहे तो मैं राज्य के लिए कुछ भी करने को तैयार हूं।" श्रीधरन ने अपने आवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "थॉमस ने मुझे बताया कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को इस मुलाकात की जानकारी थी। अगर मुख्यमंत्री सहमत हुए तो मैं उनसे मिलूंगा और उन्हें हाई या सेमी हाई स्पीड रेल नेटवर्क की आवश्यकता के बारे में जानकारी दूंगा।"

आगे विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि जिस के-रेल परियोजना की घोषणा की गई थी, वह व्यवहार्य नहीं है। इसकी बजाय या तो हाई स्‍पीड या सेमी हाई स्‍पीड परियोजना बजट में फिट होगी। मेट्रोमैन ने कहा, “सेमी हाई स्पीड को पूरा करने की लागत लगभग एक लाख करोड़ रुपये होगी और यह टिकाऊ होगी। इसके अलावा, के-रेल की तुलना में राज्य सरकार पर बोझ बहुत कम होगा। श्रीधरन ने कहा, "एक और फायदा यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर हाई स्पीड नेटवर्क का काम चल रहा है और अगर सेमी हाई स्पीड नेटवर्क है तो यह संगत होगा क्योंकि यह मानक गेज में किया जाएगा।" उन्होंने बताया कि इसकी लागत लगभग 200 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर होगी। तिरुवनंतपुरम से कन्नूर के बीच की दूरी 420 किलोमीटर है।

श्रीधरन ने कहा, "तीन फंडिंग मॉडल हैं जिन्हें अपनाया जा सकता है। यदि देश में वर्तमान में लोकप्रिय मेट्रो मॉडल (पूरे देश में मेट्रो हैं) या कोंकण मॉडल नहीं अपनाया जाता है तो एक ऐसा मॉडल भी है जिसमें केंद्र और राज्य लागत साझा करते हैं।" निर्माण के संबंध में उन्‍होंने कहा कि के-रेल के लिए ली जाने वाली भूमि का केवल पांचवां हिस्सा ही आवश्यक होगा। श्रीधरन ने कहा, "ट्रैक आंशिक रूप से ऊंचा और भूमिगत होगा और यदि जमीन ली जाती है तो केवल 20 मीटर चौड़ाई की आवश्यकता होती है। ऊंचा ट्रैक बिछाए जाने के बाद जमीन उनके मालिकों को वापस दी जा सकती है जहां वे इसे खेती की जरूरतों के लिए उपयोग कर सकते हैं। इसलिए लोगों की ओर से ज्यादा विरोध नहीं होगा।”

इस बीच, कांग्रेस पहले ही बता चुकी है कि यह परियोजना आगामी लोकसभा चुनावों से पहले माकपा और भाजपा के बीच एक राजनीतिक पुल बनाने के अलावा और कुछ नहीं है। संयोग से राज्य भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने श्रीधरन से मुलाकात की और कहा कि भाजपा किसी भी विकास परियोजना का पूरा समर्थन करेगी। माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य ए.के. बालन ने भी इसी तरह की भावनाएं व्यक्त कीं। पूरी संभावना है कि विजयन जल्द ही श्रीधरन को विचार-मंथन का समय देंगे। उल्‍लेखनीय है कि पांच साल पहले 2018 में लाइट मेट्रो परियोजनाओं पर एक व्यवहार्य परियोजना होने के बावजूद विजयन ने श्रीधरन को परियोजना के बारे में प्रेजेंटेशन देने के लिए समय देने से इनकार कर दिया था।

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