केरल

केरल सरकार की तारीफ करने पर शशि थरूर को चेतावनी, जानें पूरा मामला

Deepa Sahu
26 Dec 2021 3:45 PM GMT
केरल सरकार की तारीफ करने पर शशि थरूर को चेतावनी, जानें पूरा मामला
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केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) के अध्यक्ष के सुधाकरन ने रविवार को कहा कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) समेत पार्टी में किसी अन्य के पास भी इसके निर्देशों को नकारने का अधिकार नहीं है.

केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) के अध्यक्ष के सुधाकरन ने रविवार को कहा कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) समेत पार्टी में किसी अन्य के पास भी इसके निर्देशों को नकारने का अधिकार नहीं है. साथ ही सुधाकरन ने थरूर को चेताया कि अगर वह कांग्रेस के फैसलों के दायरे में नहीं रहते, तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाएगा।

कन्नूर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सुधाकरन ने कहा, "शशि थरूर पार्टी में केवल एक व्यक्ति हैं. एक शशि थरूर, कांग्रेस नहीं है. अगर वह पार्टी के फैसलों के दायरे में रहते हैं तो वह पार्टी का हिस्सा रहेंगे और अगर वह इसे नकारते हैं तो उन्हें बाहर निकाल दिया जाएगा."
केरल में 'सेमी-हाई स्पीड रेल कॉरिडोर' के खिलाफ पार्टी सांसदों द्वारा केंद्र को लिखे जाने वाले पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने और हाल में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की खुलेआम तारीफ करने के बाद से थरूर प्रदेश इकाई के नेताओं की आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं. सुधाकरन ने कहा कि सभी को अपने विचार बनाने का अधिकार है, "लेकिन चाहे वह शशि थरूर हों या के सुधाकरन, किसी को भी पार्टी के फैसलों को नकारने का अधिकार नहीं है." सुधाकरन ने कहा कि थरूर से लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है और यह प्राप्त होने के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा, "पार्टी में ऐसा अधिकार किसी को नहीं दिया गया है, यहां तक कि एक सांसद को भी नहीं."
कुछ मुद्दों पर राजनीतिक मतभेदों को अलग रखना जरूरी- थरूर
अपनी पार्टी के सहयोगियों की आलोचना का जवाब देते हुए थरूर ने ट्वीट किया था कि कुछ मुद्दों पर राजनीतिक मतभेदों को अलग रखना जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा था कि वह सिल्वर लाइन परियोजना पर अध्ययन करने के बाद अपनी राय प्रकट करेंगे.
कांग्रेस के नेतृत्व वाली विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (UDF) एलडीएफ सरकार की महत्वाकांक्षी सिल्वर लाइन रेल गलियारा परियोजना का विरोध कर रही है. विपक्षी गठबंधन ने आरोप लगाया है कि यह परियोजना अवैज्ञानिक और अव्यावहारिक है. हालांकि सतारूढ़ सीपीएम ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस परियोजना पर किसी भी कीमत पर आगे बढ़ेगी क्योंकि उसने अपने चुनाव घोषणा पत्र में इस परियोजना का वादा किया है.
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