केरल
विस्मया आत्महत्या मामला: लालची पति की वजह लगाई थी फांसी, अब केरल की अदालत ने ठहराया दोषी
Deepa Sahu
23 May 2022 7:58 AM GMT
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केरल की एक अदालत ने सोमवार को आयुर्वेद मेडिकल की छात्रा विस्मया के पति को दहेज हत्या और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में दोषी ठहराया।
केरल की एक अदालत ने सोमवार को आयुर्वेद मेडिकल की छात्रा विस्मया के पति को दहेज हत्या और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में दोषी ठहराया। छात्रा ने पिछले साल जून में अपने ससुराल में फांसी लगा ली थी। विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) जी मोहनराज ने अदालत के बाहर जानकारी देते हुए कहा कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-1 सुजीत केएन ने आईपीसी और दहेज निषेध अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत दहेज से संबंधित उत्पीड़न के अपराध के लिए पति को दोषी ठहराया।
दोषी के लिए अधिकतम सजा की मांग करेगा अभियोजन पक्ष
विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि अभियोजन पक्ष और दोषी की ओर से दलीलें सुनने के बाद अदालत द्वारा मंगलवार को सजा सुनाए जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष विस्मया के दोषी पति एस किरण कुमार के लिए अधिकतम संभव सजा की मांग करेगा।
इन धाराओं के तहत हो सकती है सजा
आईपीसी की धारा 304बी के तहत दहेज हत्या के अपराध में न्यूनतम सात साल और अधिकतम उम्र कैद की सजा का प्रावधान है। आईपीसी की धारा 498 ए के तहत दहेज उत्पीड़न और आईपीसी की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने के अपराध में क्रमशः तीन साल और 10 साल की जेल की अधिकतम सजा होती है।
उनकी बेटी को न्याय मिला: विस्मया के पिता
वहीं विस्मया के पिता ने कोर्ट के बाहर पत्रकारों से बात की और कहा कि उनकी बेटी को न्याय मिला है। उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष और जांच दल के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त करने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं। अदालत के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा था कि सरकार ने मामले की जांच के लिए एक बहुत अच्छा जांच दल और एक बहुत अच्छा अभियोजक नियुक्त किया है।
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