केरल

वी मुरलीधरन ने जताया संदेह, सोना तस्करी मामले में सहभागी हो सकते हैं सीएम पी विजयन

Deepa Sahu
19 Jun 2022 11:53 AM GMT
वी मुरलीधरन ने जताया संदेह, सोना तस्करी मामले में सहभागी हो सकते हैं सीएम पी विजयन
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केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने रविवार को कहा कि भाजपा को 'संदेह और चिंता' है.

तिरुअनंतपुरम, केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने रविवार को कहा कि भाजपा को 'संदेह और चिंता' है, कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन सोना तस्करी मामले के सहभागी हो सकते हैं। मुरलीधरन ने संवाददाताओं के एक सवाल पर कहा कि भाजपा का संदेह सोना तस्करी मामले में विजयन सरकार के व्यवहार पर आधारित है। केंद्रीय मंत्री से पूछा गया था कि क्या भाजपा का मानना है कि विजयन सोना तस्करी में संलिप्त हैं? मामले की एक प्रमुख आरोपित स्वप्ना सुरेश ने विजयन के खिलाफ रहस्योद्घाटन करने वाला बयान दिया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह संदेह इस बात से उत्पन्न होता है कि वाममोर्चा सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों को अवैध रूप से राजनयिक पहचान जारी की थी। सामान्य प्रशासन विभाग मुख्यमंत्री के अधीन है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों के साथ जिस तरह के संबंध थे, वैसे दूसरे राज्यों में सामने नहीं आए हैं। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी दूसरी जांच एजेंसियों की राह में रोड़े अटकाने का मुद्दा भी उठाया।
इस बीच ईडी की कोच्चि इकाई ने सोना तस्करी मामले की मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश को 22 जून को पेश होने के लिए नोटिस भेजा है। स्वप्ना ने मजिस्ट्रेट और मीडिया के समक्ष बयान दिया था कि मुख्यमंत्री, उनकी पत्‍‌नी और बेटी सहित उनका पूरा परिवार तस्करी के रैकेट में शामिल था। ईडी ने 27 पन्नों के इस बयान के आधार पर स्वप्ना सुरेश को नोटिस भेजा है। ईडी ने बयान का विस्तार से अध्ययन किया और कोच्चि इकाई को उसके बयान पर आगे की जांच करने का निर्देश दिया।
स्वप्ना सुरेश ने कहा था कि केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, उनकी पत्‍‌नी कमला, उनकी बेटी वीणा, उनके निजी सचिव सीएम रवींद्रन, उनके पूर्व प्रधान सचिव आइएएस शिवशंकर, पूर्व प्रधान सचिव रिटायर्ड आइएएस नलिनी नेटो सोने की तस्करी रैकेट में शामिल थे। इस मुद्दे ने केरल को हिलाकर रख दिया था। मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्षी कांग्रेस और भाजपा ने धरना-प्रदर्शन किए थे।
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