केरल

केरल कैबिनेट में फेरबदल की चर्चाओं के बीच एनसीपी में खलबली

Rani Sahu
15 Sep 2023 2:00 PM GMT
केरल कैबिनेट में फेरबदल की चर्चाओं के बीच एनसीपी में खलबली
x
तिरुवनंतपुरम (आईएएनएस)। केरल में संभावित कैबिनेट फेरबदल की खबरों के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में परेशानी शुरू हो गई है। विधायक थॉमस के. थॉमस पार्टी के ही ए.के. ससींद्रन को हटाकर राज्य के वन मंत्री के पद की मांग कर रहे हैं।
केरल में एनसीपी के दो विधायक ससींद्रन और पहली बार विधायक बने थॉमस हैं।
सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा के संयोजक ई.पी.जयराजन के अनुसार, प्रस्तावित फेरबदल की संभावना दिख रही है। जब 2021 में दूसरी पिनाराई विजयन सरकार ने सत्ता संभाली थी, तब एक समझौता हुआ था कि मोर्चे के चार सहयोगियों, जिनके पास सिर्फ एक विधायक है, उन्‍हें ढाई-ढाई साल के लिए मंत्रिमंडल में शामिल किया जायेगा।
थॉमस ने शुक्रवार को मीडिया को बताया कि उनकी पार्टी के नेतृत्व में राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार और अन्य लोग इस बात पर सहमत हुए हैं कि ससींद्रन और वह सहमत अवधि के लिए मंत्री पद साझा करेंगे।
थॉमस ने जोर देकर कहा, "इसलिए, जब 2021 के समझौते के अनुसार नवंबर में फेरबदल होगा, तो ससींद्रन को मेरे लिए हटना होगा।"
संयोग से, एनसीपी की राज्य इकाई एक तरफ ससींद्रन और प्रदेश पार्टी अध्यक्ष पी.सी. चाको (जिन्होंने 2019 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी) और दूसरी तरफ थॉमस के बीच विभाजित है।
हाल ही में, थॉमस को पार्टी के मुद्दों को सार्वजनिक मंच पर उठाने के लिए पवार ने चेतावनी दी थी।
अलाप्पुझा में कुट्टनाड विधानसभा क्षेत्र से जीतने वाले थॉमस, व्यवसायी से विधायक बने पूर्व राज्य मंत्री थॉमस चांडी के भाई हैं, जो तीन बार जीते थे और 2019 में विधायक रहते हुए उनका निधन हो गया।
राज्य एनसीपी ने 2021 के विधानसभा चुनावों में थॉमस को चांडी की सीट देने का फैसला किया, जिसे उन्होंने आसानी से जीत लिया।
थॉमस के लिए चीजें आसान नहीं हैं क्योंकि एनसीपी में कई लोगों का मानना है कि उन्हें सीट नहीं दी जानी चाहिए थी और उनकी जीत के बाद से और चाको के आगमन के बाद उनकी परेशानी बढ़ गई है।
अब यह देखना बाकी है कि क्या थॉमस को ससींद्रन की जगह लेने के लिए पार्टी की मंजूरी मिलती है।
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ससींद्रन ने कहा कि कोई भी मंत्री बनने की इच्छा व्यक्त कर सकता है, लेकिन यह उचित स्थान पर किया जाना चाहिए।
संबंधित घटनाक्रम में रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (लेनिनवादी) से पांच बार के विधायक कोवूर कुंजुमोन ने एलडीएफ और विजयन से संपर्क कर मंत्री पद की मांग की है।
कुंजुमोन की पार्टी हालांकि एलडीएफ की सहयोगी नहीं है, लेकिन वह हमेशा गठबंधन के साथ रही है।
Next Story