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केरल में शिगेला इन्फेक्शन कहर, जानिए कितना खतरनाक है संक्रमण

Kunti Dhruw
6 May 2022 9:38 AM GMT
केरल में शिगेला इन्फेक्शन कहर, जानिए कितना खतरनाक है संक्रमण
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Shigella Infection: केरल (Kerala) में फूड पॉइजनिंग (Food Poisoning) की एक गंभीर घटना सामने आई है. इस मामले में 16 साल की एक किशोरी की मौत हो गई. लड़की की तबीयत एक रेस्तरां में चिकन खाने के बाद बिगड़ी थी. डॉक्टरों का कहना है कि फूड पॉइजनिंग के बाद हुए शिगेला इन्फेक्शन की वजह से उसकी मौत हो गई है. इस मामले में पुलिस ने रेस्टोरेंट के मालिक और अन्य कर्मियों को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं केरल उच्च न्यायालय ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए प्रशासन से जवाब मांगा है. आइए जानते हैं आखिर क्या है ये शिगेला इन्फेक्शन और कैसे ये जानलेवा हो सकता है.


शिगेलोसिस संक्रमण के बारे में जानिए
शिगेला इन्फेक्शन से पीड़ित होने पर मरीज को दस्त (कभी-कभी खूनी), बुखार और पेट में ऐंठन की समस्या होती है. वहीं अगर इस बैक्टीरिया से संक्रमित कोई शख्स पहले से बीमार है या उसे कुछ गंभीर बीमारियां हैं तो ऐसे हालातों में उसे फौरन एंटीबायोटिक्स दवाएं देने की जरूरत है. शिगेला एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन है जो दुनिया भर में दस्त (Diarrhea) के सबसे आम कारणों में से एक है. हालांकि एक्सपर्ट का मानना है कि एंटरोबैक्टर फैमिली के सभी बैक्टीरिया मनुष्यों में बीमारी का कारण बनें ये जरूरी नहीं है.

आंत पर करता है हमला
शिगेला एक ऐसा बैक्टीरिया है जो आंत पर हमला करता है जिसकी वजह से दस्त, पेट दर्द और बुखार की समस्या होती है. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, 'किसी को बीमार करने के लिए बैक्टीरिया की न्यूनतम संख्या भी काफी है.' यह संक्रमण इसके रोगी से जुड़े सामान के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क के जरिए आसानी से फैलता है. आपको बता दें कि इसके अलावा ये खतरनाक बैक्टीरिया दूषित पानी में तैरने या नहाने से भी आपको अपना शिकार बना सकता है.क्या जानलेवा है शिगेलोसिस?
इसे लेकर लोगों के मन में ये सवाल रहता है कि क्या शिगेलोसिस से संक्रमित होने के बाद मरीज की जान नहीं बचती. इस सवाल के जवाब में डॉक्टरों का कहना है कि जब तक मरीज का इम्यून सिस्टम कमजोर न हो तब तक इस इन्फेक्शन से मौत नहीं होती है.

बचाव का तरीका
इस संक्रमण से बचाव के लिए आपको किसी भी तरह के भोजन या पानी के इस्तेमाल से पहले जरूरी सावधानी बरतनी चाहिए. भोजन से पहले और बाद में हाथ अच्छे से धो लें. पीने का पानी साफ रखें. ताजे फल और सब्जियों का इस्तेमाल करें. वहीं दूध, चिकन और मछली जैसे खराब होने वाले प्रोडक्ट को सही तापमान में रखें और इन्हें सही से पकाएं.


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