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दक्षिण-पश्चिम मानसून(South west monsoon)29 मई को केरल में दस्तक दे चुका है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून(South west monsoon)29 मई को केरल में दस्तक दे चुका है। आमतौर पर यह 1 जून को यहां पहुंचता है। यह 15 दिन में आधे भारत तक पहुंच जाएगा। यानी 15 जून तक मध्य प्रदेश में प्रवेश कर लेगा। राजस्थान में 20 जून तक पहुंचने की संभावना है। अगले 24 घंटों के दौरान, केरल, अरब सागर के कुछ हिस्से और लक्षद्वीप क्षेत्र में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं। आइए जानते हैं आजकल में कैसा रहने वाला है देश का मौसम..
इन राज्यों में बारिश या भारी बारिश की संभावना
स्काईमेट वेदर(skymet weather) के अनुसार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और लक्षद्वीप क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक स्थानों पर भारी बारिश की उम्मीद है। बिहार, केरल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, तमिलनाडु, दक्षिण कर्नाटक और पश्चिमी हिमालय की तलहटी में हल्की से मध्यम बारिश संभव है।
भारतीय मौसम विभाग(India Meteorological Department) के अनुसार, दक्षिण भारत कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कोंकण और गोवा, दक्षिण छत्तीसगढ़, ओडिशा के कुछ हिस्सों और गंगीय पश्चिम बंगाल झारखंड और मराठवाड़ा के अलग-अलग इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है।
इन राज्यों में हुई बारिश
अगर बीते 24 घंटों के दौरान की बात करें, तो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, केरल, तटीय कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, उत्तराखंड के कुछ हिस्सों, हिमाचल प्रदेश, उत्तरी पंजाब, गोवा और तटीय ओडिशा में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। सिक्किम, दक्षिण कोंकण और गोवा, हरियाणा के कुछ हिस्सों, उत्तर प्रदेश और पूर्वी मध्य प्रदेश में हल्की बारिश हुई और छत्तीसगढ़, झारखंड और आंध्र प्रदेश के एक या दो हिस्सों में हल्की बारिश होती रही।
मौसम में बदलाव की वजहें
स्काईमेट वेदर(skymet weather) के अनुसार, एक पश्चिमी विक्षोभ(western disturbance) उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे जम्मू कश्मीर पर सक्रिय है। प्रेरित चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य पाकिस्तान और पंजाब के आसपास के हिस्सों पर बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा दक्षिणी पंजाब से बिहार तक दक्षिण हरियाणा और उत्तर प्रदेश होते हुए गुजर रही है।
भारतीय मौसम विभाग(India Meteorological Department) के अनुसार, निचले स्तरों पर ओडिशा के उत्तरी हिस्से में सर्कुलेशन बना हुआ है। एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तरी आंतरिक कर्नाटक और आसपास के क्षेत्र पर सक्रिय है।
Deepa Sahu
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