केरल

केरल की सिल्वर लाइन परियोजना संवेदनशील मुद्दा :रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव

Kunti Dhruw
16 March 2022 10:04 AM GMT
केरल की सिल्वर लाइन परियोजना संवेदनशील मुद्दा :रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव
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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि केरल में प्रस्तावित सिल्वर लाइन परियोजना एक संवेदनशील मुद्दा है.

नयी दिल्ली, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि केरल में प्रस्तावित सिल्वर लाइन परियोजना एक संवेदनशील मुद्दा है, जिसको लेकर पर्यावरण संबंधी चिंताएं वास्तविक एवं सही हैं तथा इसकी अंतिम मंजूरी तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता पर ही निर्भर करेगी ।

निचले सदन में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के हिबी ईडन के पूरक प्रश्न के उत्तर में रेल मंत्री ने यह बात कही। हिबी ईडन ने पूछा था कि क्या केरल सरकार ने अनुमोदन एवं अनुमति हेतु सिल्वर लाइन परियोजना के लिए नए दस्तावेज या स्पष्टीकरण दो फरवरी 2022 तक अथवा उसके बाद प्रस्तुत किए हैं ? उन्होंने यह भी जानना चाहा कि क्या केंद्र सरकार के संज्ञान में यह बात आई है कि राज्य सरकार पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव से संबंधित समुचित अध्ययन किए बिना ही परियोजना पर कार्य को आगे बढ़ा रही है?इसके जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केरल में तिरुअनंतपुरम से कासरगोड तक 530 किलोमीटर लंबी अर्द्ध-तीव्र गति रेल परियोजना को केरल रेल विकास निगम लिमिटेड, केरल राज्य सरकार और रेल मंत्रालय की संयुक्त उद्यम कंपनी द्वारा विकसित करने के लिए चिन्हित किया गया है । उन्होंने कहा कि निवेश पूर्व कार्यकलाप शुरू करने के लिए सैद्धांतिक अनुमोदन के बारे में रेल मंत्रालय द्वारा अवगत करा दिया गया है ।
रेल मंत्री ने कहा कि सर्वेक्षण के बाद केरल रेल विकास निगम लिमिटेड द्वारा अर्द्ध-तीव्र गति रेल परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट रेल मंत्रालय को अनुमोदन के लिए प्रस्तुत की गई तथा इस परियोजना की लागत 63,941 रूपये आंकी गई है ।
उन्होंने कहा कि केरल में प्रस्तावित सिल्वर लाइन परियोजना एक संवेदनशील मुद्दा है जिसको लेकर पर्यावरण संबंधी चिंताएं वास्तविक एवं सही हैं । उन्होंने कहा, ''अगर इसे इस तरह से लागू किया गया, तब राज्य में पर्यावरण पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, हम नहीं बता सकते ।'' उन्होंने बताया कि रेल मंत्रालय द्वारा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट की जांच की जा रही है । तकनीकी व्यवहार्यता के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में पर्याप्त ब्यौरे उपलब्ध नहीं हैं।
वैष्णव ने कहा कि ऐसे में रेल विकास निगम लिमिटेड को विस्तृत दस्तावेज भेजने के लिए कहा गया है जिसमें संरेखण योजना और रेल भूमि एवं निजी भूमि का ब्यौरा, मौजूदा रेलवे नेटवर्क में क्रासिंग का ब्यौरा आदि शामिल हों।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही उसे स्थल के सत्यापन के बाद क्षेत्रीय रेलवे के माध्यम से प्रभावित रेल परिसंपत्तियों को विधिवत रूप से दर्शाने के लिए कहा गया है ताकि परियोजना की विस्तृत जांच की जा सके और परियोजना की व्यावहारिकता के बारे में निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके।
रेल मंत्री ने कहा, '' इसकी विस्तृत जांच की जाएगी और उस आधार पर निर्णय लिया जाएगा । इसमें परियोजना की तकनीकी आर्थिक सहायता के आधार पर योजना पर विचार किया जाएगा ।'' उन्होंने कहा कि इस परियोजना से कई विषय जुड़े है, इसमें तकनीकी आयाम हैं, वित्तीय विषय हैं और पर्यावरण से जुड़ी बातें भी हैं । ''हम इसे व्यवस्थित रूप से देख रहे हैं।''
वैष्णव ने कहा, '' परियोजना अभी तक स्वीकृत नहीं हुई है । इसके लिए आर्थिक मामलों संबंधी मंत्रिमंडल समिति के अनुमोदन की जरूरत होगी क्योंकि परियोजना की लागत 1000 करोड़ रूपये से अधिक है।'' शून्यकाल में कांग्रेस सदस्य के सुरेश ने भी इस विषय को उठाया था ।
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